– 15 विभूतियों को सारस्वत सम्मान से सम्मानित किया

कुलपहाड ( महोबा )। पं० बृजमोहन अवस्थी सुस्मृति संस्थान कुलपहाड़ के तत्त्वाधान में उनके 85वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में एकादश सारस्वत सम्मान समारोह बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा बुंदेला के मुख्य आतिथ्य तथा वरिष्ठ साहित्यकार गुणसागर सत्यार्थी की अध्यक्षता में आयोजित हुआ।
इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष महेन्द्र भीष्म, मुख्य अतिथि राजा बुंदेला व डॉ0 कमलेश सक्सेना द्वारा साहित्य सहित अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने पर 15 विभूतियों पं0 खुशीराम द्विवेदी शिक्षक व साहित्यकार, डॉ0 गंगा प्रसाद शर्मा गुणशेखर , डॉ0 सुनीता राठौर विधि, डॉ0 मुकेश खरे को चिकित्सा , सुश्री गीतांजलि शर्मा को खेल , संतोष पटैरिया को साहित्य संस्कृति , डॉ0 निधि अग्रवाल को साहित्य , डॉ0 अमित दुबे, जितेंद्र पात्रो , डॉ0 मानसी द्विवेदी, पवन गुप्ता तूफान, प्रशांत मिश्रा , मृदुल कपिल , आशीष कुलश्रेष्ठ , लालबहादुर यादव उर्फ खज्जू कक्का को प्रशस्ति पत्र व पुस्तकें भेंट कर सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि राजा बुंदेला ने पं0 बृज मोहन अवस्थी लिखित सेनापति महल ,लबाजीराव मस्तानी, सुगिरा गढ़ी पुस्तक रचनावली का लोकार्पण किया। मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि महेंद्र भीष्म में अद्भुत क्षमता है । इनको यह विरासत में मिला है। उन्होंने कहा कि आज बुंदेलखंड क्षेत्र में अपार खनिज सम्पदा होने के बावजूद भविष्य के बारे में कुछ न सोचने के कारण यह क्षेत्र भूखा, सूखा व बेरोजगार है। इस पर साहित्यकारों को सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र पानी, पलायन, पकड़ , फट्टा व कट्टा पांच चीजों के लिए जाना जाता है। हमारी संस्कृति मर गई है। जिस देश में साहित्य व संस्कृति खत्म हो जाती है वहां विनाश तय होता है। उन्होंने कहा कि जब पंजाबियों के लिए पंजाब, बंगालियों के लिए बंगाल राज्य बन सकता है तो बुंदेलखंड वासियों के लिए पृथक बुंदेलखंड राज्य का निर्माण भी होना चाहिए।
इस मौके पर संस्थान के उपाध्यक्ष शैलेन्द्र अवस्थी, सचिव डॉ0 भूपेंद्र अवस्थी, अनुज किशोर पाठक, डॉ0 राजेन्द्र तिवारी, अनिल मिश्रा सहित साहित्यकार , पत्रकार व बुद्धजीवी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन पवन गुप्ता तूफ़ान ने किया।