– निगम की जमीनों पर कब्जे, दुकानों के किराए में बढ़ोतरी, डोर टू डोर कूड़ा संग्रह, वकीलों की कार्यप्रणाली आदि पर हुई बहस, अधिकारियों से जवाब देते नहीं बना

झांसी। नगर निगम के सदन हॉल में महापौर रामतीर्थ सिंघल की अध्यक्षता में कार्यकारिणी की बैठक गहमागहमी के बीच बुधवार को अधूरी ही रह गई। बैठक में जहां निगम की जमीन पर अवैध कब्जे व दुकानों में अनधिकृत बेसमेंट, किराए में बढ़ोतरी व वसूली आदि के मुद्दों पर बहस होती रही।

बैठक में अवनीश कुमार राय नगर आयुक्त, उपसभापति सुनील नैनबानी आदि मौजूद रहे। बैठक में कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा रखे गए प्रस्ताव व सवालों पर जवाब प्रस्तुत किये गये। इस दौरान महेश गौतम कार्यकारिणी सदस्य ने कहा कि निगम की जमीनों के मामलों में जो वकील नियुक्त किए गए उन्होंने अभी तक कितने मामलों का निस्तारण किया और कितनी मामले अभी चल रहे हैं। इसमें पूर्णता जानकारी नहीं मिलने से कार्यकारणी सदस्यों का फैसला था कि जो वकील काम नहीं कर रहे हैं उन्हें हटाकर कार्य करने वाले वकीलों को रखा जाए। उन्होंने हाई कोर्ट व अन्य कोर्ट में नगर निगम की ओर से बिना सदन की अनुमति के अधिवक्ताओं की तैनाती, भुगतान व उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। इसका अधिकारियों से समुचित उत्तर नहीं मिल सका।

निगम की संपत्तियों पर अवैध कब्जे के मामलों का निस्तारण पूरी तरह नहीं होने के कारण पार्षदों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा। सही जवाब नहीं मिलने के कारण अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहां की कार्यकारिणी की बैठक में जो एजेंडा आता है उस पर सवाल जवाब होते लेकिन संबंधित अधिकारी उक्त मामले में जवाबदेही प्रस्तुत नहीं कर रहे। कार्यकारिणी सदस्य दिनेश प्रताप सिंह दीपू ने लहर गेट मौजा 146 पर सवाल उठाए जिसमें अधिकारियों ने जमीन को कब्जा मुक्त की बात कही और बाउंड्री वॉल कराने के मामले में उक्त जमीन से आम रास्ता निकल रहा है जहां पर विरोधाभास की स्थिति बनी हुई है। पार्षदों का कहना था कि संपत्ति विभाग के अधिकारी अवैध कब्जा हटाने में रुचि नहीं ले रहे। दिए गए प्रस्तावों पर वह शिकायत पत्रों पर कोई जवाब नहीं मिलता है इस मामले में कार्रवाई नहीं करने वाले अधिकारियों को विभागीय कार्रवाई में लाया जाए यही नहीं शासन से मांग की जाए अधिकारियों की कमी को पूरा किया जाए। नगर निगम की संपत्ति के मामले में संविदा पर तैनात अधिकारी से पूछा गया तो उसने जवाब नहीं देते हुए इस्तीफा देने की बात कह डाली।

इस दौरान उपसभापति सुनील नेनवानी ने निगम की दुकानों के बढ़े किराए को एक दो वर्ष के लिए स्थगित करने की अपेक्षा की इस अन्य सदस्यों से बहस हो गई। सदस्यों ने लैट्रीन टैंक सफाई व हाउस टैक्स की बढ़ोत्तरी को समाप्त करने की बात रखी। उप सभापति द्वारा एक सदस्य के जमीन के कारोबार को रेखांकित करने पर विवाद हो गया। इस पर महापौर ने हस्तक्षेप कर शांत कराया। कार्यकारिणी सदस्य राजू साहू ने 40 कार्य कोटेशन पर होने का मामला उजागर करने को कहा। कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा इलाइट चौराहे पर हाईकोर्ट के आदेशों व मानक के विपरीत तथा निर्धारित से अधिक कैण्टीलटर लगाने पर सवाल खड़े किए, किंतु इसकी फाइल नहीं होने पर बहस हो गई। इस दौरान एक सदस्य द्वारा आपत्तिजनक कॉमेंट करने पर मेयर ने विरोध किया और इस तरह की अपमान जनक भाषा नहीं बोलने की हिदायत दी। बाद में सदस्य ने माफी मांगी। एक सदस्य ने डोर टू डोर कूड़ा संग्रह में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और मामले को न्यायालय में ले जाने की चेतावनी दी। फिलहाल कार्यकारिणी की बैठक अधूरी ही समाप्त कर दी गई। अब गुरुवार को पुनः बैठक में मुद्दों पर चर्चा होगी। बैठक में सदस्य विकास खत्री, विमल किशोर, इंदु वर्मा, मुकेश सोनी, राजेश त्रिपाठी, जुगल किशोर सहित अधिकारी व व कर्मचारी गण मौजूद रहे।