झांसी। भले ही प्रसपा मुखिया शिवपाल सिंह यादव राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए ना ना करते करते सपा के पाले में चले गए पर उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष करने वाले अपने वजूद को लेकर परेशान हैं और पार्टी छोड़ रहे हैं। सपा व सहयोगी प्रसपा को शुक्रवार को दो और बड़े झटके मिले हैं। समाजवादी पार्टी के युवा नेता पूर्व जिला पंचायत सदस्य वीरेंद्र प्रताप सिंह व प्रसपा की पूर्व उम्मीदवार प्रसपा की पूर्व प्रदेश महासचिव दीपमाला कुशवाहा ने समाजवादी पार्टी से नाता तोड़ लिया है। अब वीरू भैया भगवा रंग में रंग गए हैं तो दूसरी ओर दीपमाला कुशवाहा ने अपना दल की सदस्यता ग्रहण कर ली है। प्रसपा के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र यादव ने दीपमाला को मौका परस्त बता दिया।
दीपमाला कुशवाहा स्वयं को प्रसपा की फाउंडर मेम्बर बताती रहीं हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का पुतला फूंकने पर जब वह जेल भेजी गई तो प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव उनसे मिलने स्वयं जेल गए थे।












