झांसी। महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज झांसी के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की सहायक आचार्य डॉ रजनी गौतम को सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र के लिए यूपी चैप्टर ऑब्स एंड गायने के वार्षिक अधिवेशन में “श्री प्रभु दयाल बवेजा” गोल्ड मेडल से पुरस्कृत किया गया। यह अधिवेशन मेरठ ऑब्स एवं गायनी द्वारा आयोजित किया गया था। इस वर्ष अधिवेशन का विषय ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य पर आधारित रहा। डॉ रजनी गौतम ने बताया कि मातृ मृत्यु का एक प्रमुख कारण असुरक्षित गर्भपात व गर्भपात के बाद चिकित्सीय परामर्श में देरी होना है। गर्भपात के कारण मृत्यु अत्यधिक रक्तस्त्राव से, संक्रमण से, खून में जहरवाद होने से, व बच्चेदानी व आंतों में छेद होने से हो सकती है। उन्होंने अपने अध्ययन में डेढ़ सौ उन महिलाओं को लिया जो गर्भपात के बाद बहुत अधिक रक्तस्त्राव के कारण अधिक गंभीर व अचेत अवस्था में मेडिकल कॉलेज आयीं। उन महिलाओं को तुरंत जीवन रक्षक दवाओं, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, व सफाई द्वारा बचाया गया। कुछ मरीजों को वेंटिलेटर पर भी रखना पड़ा। इसके बाद महिलाओं के सामान्य होने पर उन्हें परिवार नियोजन के साधनों जैसे छाया, अंतरा, ओरल कांट्रेसेप्टिव पिल्स, नसबंदी के लिए परामर्श दिया गया। अधिकांश महिलाओं ने इन उपायों को अपनाया और जब महिलाएं दोबारा दिखाने आई तो सभी पूर्ण रूप से स्वस्थ एवं संतुष्ट थी। अध्ययन में यह देखा गया कि महिलाओं में गर्भपात के तुरंत बाद व अस्पताल से छुट्टी होने से पहले यदि इन परिवार नियोजन के साधन का प्रयोग किया जाए तो सभी गंभीर समस्या से सुरक्षा मिल सकती है। भारत सरकार द्वारा यह परिवार नियोजन के सभी साधन देश के सभी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त उपलब्ध हैं। इन साधनों के मात्र प्रयोग से महिलाएं एक स्वस्थ व संतुलित जीवन का लाभ उठा सकती है।