– उमरे द्वारा 439 रूट किलोमीटर का विद्युतीकरण
– पूरा किया गया 652 ट्रैक किलोमीटर का विद्युतीकरण
– झांसी मंडल में 296.14 रुट किमी खंड का विद्युतीकरण
 
प्रयागराज। शत-प्रतिशत विद्युतीकरण मिशन के अनुसरण में, उत्तर मध्य रेलवे अपने सभी शेष मार्गों का युद्ध स्तर पर विद्युतीकरण कर रहा है। वित्तीय वर्ष 2021-22 उत्तर मध्य रेलवे के लिए उपलब्धियों का वर्ष साबित हुआ जिस दौरान बड़े पैमाने पर विद्युतीकरण कार्य पूरे हुए।
उत्तर मध्य रेलवे का कुल ब्रॉड गेज नेटवर्क 3222 रूट किलोमीटर (रूट किमी) है, जिसमें से अब 3146 किलोमीटर का विद्युतीकरण किया जा चुका है। इस प्रकार उत्तर मध्य रेलवे के कुल ब्रॉड गेज नेटवर्क का 98% विद्युतीकरण किया जा चुका है। शेष 76 किलोमीटर का काम अंतिम चरण में है और जल्द ही इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
2021-22 में, निम्नलिखित मार्गों का विद्युतीकरण पूर्ण हुआ –
1. झांसी मंडल के महोबा-खजुराहो (64 रूट किमी)
2. झांसी मंडल के खजुराहो-ईशानगर (57 रूट किमी)
3. झांसी मंडल के बिरलानगर-उदीमोड़ (101 रूट किमी)
4. प्रयागराज मंडल के मैनपुरी-शिकोहाबाद (51 रूट किमी)
5. प्रयागराज मंडल के इटावा-मैनपुरी के साथ मैनपुरी-फर्रुखाबाद, (107 रूट किमी)
6. प्रयागराज मंडल के बरहन-एटा (59 रूट किमी)

इन विद्युतीकरण कार्यों के साथ, उत्तर प्रदेश के एटा, मैनपुरी, फर्रुखाबाद, इटावा, फिरोजाबाद तथा  आगरा और मध्य प्रदेश के ग्वालियर, भिंड, टीकमगढ़ और छतरपुर जिलों के कुछ हिस्सों में फैले रेलवे नेटवर्क को अब विद्युतीकृत क्षेत्रों के माध्यम से सेवा प्रदान की जाएगी।
इन बड़े पैमाने पर विद्युतीकरण कार्यों का महत्व इस तथ्य में निहित है कि यह विद्युत लोकोमोटिव से आने वाली ट्रेन के गैर-विद्युतीकृत क्षेत्र में आने पर कर्षण परिवर्तन की अड़चन को कम करेगा। ट्रैक्शन परिवर्तन की प्रक्रिया नहीं होने पर, गतिशीलता में वृद्धि होगी जिससे ट्रेनों की समय पालनता में सुधार होगा। वित्तीय वर्ष 2021-22 में, उत्तर मध्य रेलवे और अन्य क्षेत्रों के विभिन्न वर्गों में प्रमुख विद्युतीकरण कार्यों को पूरा करने के बाद उत्तर मध्य रेलवे नेटवर्क पर परिचालित होने वाली  42 जोड़ी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों को डीजल से इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन में परिवर्तित किया गया है। एटा-बरहन खंड को सीआरएस मंजूरी मिलने के बाद तीन और जोड़ी ट्रेनों को इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन में परिवर्तित कर लिया जाएगा, रेलवे संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) का निरीक्षण हाल ही मे सम्पन्न हुआ है।
प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर (PCEE) उत्तर मध्य रेलवे, श्री सतीश कोठारी ने बताया कि इन प्रमुख मार्गों के विद्युतीकरण के अलावा सभी नए डबलिंग एवं थर्ड लाइनों को भी विद्युतीकरण के साथ-साथ यातायात के लिए खोला जा रहा है। नवनिर्मित झांसी-बबीना थर्ड लाइन (झांसी मण्डल), भूतेश्वर-छाता फ़ोर्थ लाइन (आगरा मण्डल), धौलपुर-भंडई थर्ड लाइन (आगरा मण्डल) और कानपुर-वीरांगना लक्ष्मीबाई खंड  (झांसी मण्डल) में खोले गए सेक्शन पूरी तरह से विद्युतीकृत हैं। 2021-22 में मौजूदा साइडिंग का व्यापक विद्युतीकरण भी किया गया है। इन सबके परिणाम स्वरूप उत्तर मध्य रेलवे ने वित्तीय वर्ष में 652 ट्रैक किलोमीटर का विद्युतीकरण सफलतापूर्वक किया।
बिजली आपूर्ति प्रतिष्ठानों को प्रोत्साहन देते हुए, 2021-22 में 7 नए ट्रैक्शन सबस्टेशनों-चुनार, सैफई और भोंगाँव (प्रयागराज मण्डल); नेवाड़ी और हरपालपुर (झांसी मंडल) और घोसराना एवं  भांडई (आगरा मंडल) को प्रारम्भ किया गया।

इसी क्रम में झांसी मंडल में वित्तीय वर्ष 2021- 22 के दौरान 296.14 रुट किलोमीटर खंड का विद्युतीकरण हुआ है। मंडल के ईशानगर से उदयपुरा (76 किमी) खंड को छोड़कर शेष खंड विद्युतीकृत है। इस खंड में भी विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है। इसके साथ ही पिछले वित्तीय वर्ष में 2 ट्रैक्शन सब स्टेशन(TSS) हरपालपुर एवं निवाड़ी में शुरू किए गये हैं।
महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे प्रमोद कुमार ने इन विद्युतीकरण कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए इन क्षेत्रों में कई निरीक्षण किए और सभी संबन्धित अधिकारियों के साथ निश्चित समय अंतराल पर बैठकें कीं। उन्होंने ने इस संबंध मे कहा कि इससे न केवल ट्रेनों की समयपालनता बढ़ेगी बल्कि साइडिंग में मालगाड़ियों के प्लेसमेंट और रिमूवल में लगने वाले समय में भी कमी आएगी। इसी क्रम मे उन्होंने कहा कि “विद्युतीकरण से गतिशीलता में सुधार के साथ-साथ पर्यावरणीय लाभ भी मिलेंगे’’।