– पीएम मोदी ने राष्ट्र मण्डल संसदीय संघ में कोषाध्यक्ष बनवा कर विश्व पटल पर बुन्देलखण्ड को महत्व दिया 

– सांसद शर्मा ने कहा यह मेरी नहीं बल्कि पूरे विश्व में बुन्देलखण्ड, उ0प्र0 व सम्पूर्ण भारतवर्ष की विजय 

झांसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश की आजादी के 75 वें वर्ष के अमृत महोत्सव के अवसर पर बुन्देलखण्ड धरा पर जन्मे सांसद अनुराग शर्मा को राष्ट्र मण्डल संसदीय संघ (सीपीए) का कोषाध्यक्ष बनवा कर बुन्देलखण्ड को गौरवान्वित तो किया ही है बुन्देलखण्ड को विश्व पटल पर स्थापित किया है। बुंदेलखंड का सपूत राष्ट्र्मंडल के गठन के मुख्य उद्देश्य लोकतंत्र, साक्षरता, मानवाधिकार, बेहतर प्रशासन, मुक्त व्यापार और विश्व शांति को बढावा देने में अहम भूमिका निभाएगा I इसका लाभ भारत देश के साथ बुंदेलखंड को भी मिलेगा।

सर्किट हाउस में मीडिया से रूबरू हुए सांसद अनुराग शर्मा ने बताया कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र प्राकृतिक वैभव प्राचीन वास्तुकला प्रचुर साहित्य साधना की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। बुन्देलखण्ड की सांस्कृतिक/वैदिक विरासत के रुप में महर्षी वेदव्यास, महर्षी वाल्मीकि, गोस्वामी तुलसीदास, कवि केशव, राष्ट्रकवि मैथलीशरण गुप्त, डा0 वृन्दावन लाल वर्मा आदि ने बुन्देलखण्ड को विश्वपटल पर खड़ा किया है। बुन्देलखण्ड की माटी में जन्मे स्वतंत्रता के प्रेरक वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई, अवंती बाई लोधी, बुन्देला राजा मर्दन सिंह, व क्रान्तिकारी स्वामी ब्रहम्मानन्द, दीवान शत्रुघ्न सिंह, पं. परमानन्द जैसे दिग्गज व्यक्तियों को इस बुन्देलखण्ड की भूमि में जन्म लेकर इतिहास में अमर हो गये हैं। खेल के क्षेत्र में हाॅकी के जादूगर मेजर ध्यानचन्द का भी अविस्मरणीय योगदान रहा है।

वह बुन्देलखण्ड से हैं, इसलिए उन्होंने इस अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कोषाध्यक्ष के पद पर निर्वाचन के चैलेन्ज को स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लोग अभावों का बहादुरी से सामना करते हैं। आर्थिक रुप से तो कमजोर हो सकते हैं, लेकिन प्रतिभाओं के क्षेत्र में अग्रणीय होते हैं। प्रधानमंत्री बुन्देलखण्ड को बढ़ावा देना चाहते हैं इसलिये उन्होंने मुझे बुन्देलखण्ड से लेकर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के पटल पर आगे बढ़ाया है।

गौरतलब है कि सीपीए दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे पुराना अंतरराष्ट्रीय संसदीय संघ है, जिसके निर्वाचित अनुराग शर्मा सांसद (लोकसभा) झांसी को कोषाध्यक्ष के रूप में उन्हें दूसरा भारतीय पदाधिकारी बना दिया गया और इसलिए सीपीए में भारत के लिए एक और सीट बढ़ा दी गई, जिससे कुल भारतीय संख्या अब 4 प्रतिनिधियों तक पहुंच गई। सम्मेलन की थीम ‘इंक्लूसिव, एक्सेसिबल ,अकॉउंटेबल एंड स्ट्रांग पार्लियामेंट, द कार्नर स्टोन ऑफ डेमोक्रेसी एंड एसेंशियल फ़ॉर डेवलोपमेन्ट’ है। “राष्ट्रमंडल केवल एक नाम नहीं है, बल्कि एक लक्ष्य है। राष्ट्रों का एक समाज जो समान उद्देश्यों के साथ मिलकर काम करता है।”

उन्होंने बताया कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) की वर्तमान में लगभग 180 शाखाएँ हैं और यह नौ क्षेत्रों में विभाजित है : अफ्रीका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटिश द्वीप और भूमध्यसागरीय, कनाडा, कैरिबियन, अमेरिका और अटलांटिक, भारत, प्रशांत और दक्षिण-पूर्व एशिया। सीपीए मुख्यालय सचिवालय लंदन में स्थित है। इसमें 56 देशों के 180 संसद, विधानमंडल एवं विधानसभा के सदस्य शामिल हुए। इनकी संख्या करीबी 18000 है।
राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) 1911 में स्थापित, यह एक सदस्यता संघ है जो लिंग, जाति, धर्म या संस्कृति के बावजूद सदस्यों को एक साथ लाता है, जो समुदाय के हित, कानून के शासन और व्यक्तिगत अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए सम्मान, और अनुसरण द्वारा एकजुट होते हैं। संसदीय लोकतंत्र के सकारात्मक आदर्श। यह सांसदों और संसदीय कर्मचारियों को आपसी हित के मुद्दों पर सहयोग करने और अच्छी प्रथाओं को साझा करने का एक विशाल अवसर प्रदान करता है। हैलिफैक्स, कनाडा में आयोजित 65वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में हुई 65वीं सीपीए महासभा के दौरान, राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) की कार्यकारी समिति सदस्यों द्वारा इयान लिडेल-ग्रेंजर, एमपी (यूनाइटेड किंगडम) को नए अध्यक्ष के रूप में चुना। उन्होंने अप्रैल 2021 से सीपीए कार्यकारी समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष की भूमिका निभाई है।

बताते चलें कि कैमरून से एमिलिया मोनजोवा लिफाका जो सीपीए कार्यकारी समिति की अध्यक्ष थीं। जब उनकी मृत्यु हुई तब ब्रिटेन के मिस्टर इयान ग्रिंगर को 1 वर्ष के लिए कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया था। अब उन्हें उसी पद के लिए 3 साल के लिए चुना गया है I इस प्रकार अनुराग शर्मा के कोषाध्यक्ष पद के लिए सीपीए में एक अन्य सीट बढाई गयी और सदस्य संख्या 4 हो गयी जबकि अभी तक 3 सदस्य ही थे I इससे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बुन्देलखण्ड की छवि निखरेगी और बुन्देलखण्ड की एक नई पहचान बनेगी। अभी तक बुन्देलखण्ड से जितने भी राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर लोग पहुंचे हैं, उन्होंने देश की एक नई पहचान कायम की है। सीपीए के नए कोषाध्यक्ष सांसद अनुराग शर्मा से भी बुन्देलखण्ड क्षेत्र को यही उम्मीद है कि अंतर्राष्ट्रीय पटल पर देश का प्रतिनिधित्व करने पर क्षेत्र का आर्थिक पिछड़ापन दूर होगा।
मालूम हो कि सीपीए अध्यक्ष सीपीए महासभा द्वारा तीन साल के लिए चुना जाता है और एसोसिएशन का नेतृत्व करने के लिए सीपीए महासचिव और यूके स्थित सीपीए मुख्यालय सचिवालय के साथ काम करता है। सदस्यों ने भी अध्यक्ष की नियुक्ति का समर्थन किया।
बताते चलें कि कोषाध्यक्ष, जो कार्यकारी समिति द्वारा नामित एसोसिएशन का सदस्य है, को महासभा द्वारा तीन साल के लिए नियुक्त किया जाता है, एसोसिएशन के वित्त की निगरानी के लिए सीपीए महासचिव और सीपीए मुख्यालय सचिवालय के साथ काम करता है। सीपीए कोषाध्यक्ष एसोसिएशन के ट्रस्टियों का भी प्रमुख होता है।

65 वीं सीपीए महासभा के बाद नई सीपीए कार्यकारी समिति की बैठक हुई, जिसके दौरान माननीय ओसेई केई मेन्सा बोन्सू, सांसद, (घाना) को सीपीए कार्यकारी समिति के उपाध्यक्ष के पद पर नामित किया गया। उपाध्यक्ष का पद एक वर्ष की अवधि के लिए होता है और धारक सीपीए समन्वय समिति का सदस्य भी होता है। सांसद अनुराग शर्मा ने बताया कि सीपीए की बैठक के दौरान मेरे संसदीय क्षेत्र की मऊरानीपुर विधानसभा का एक युवक उनसे मिलने आया जो कनाडा में ही कार्यरत है I उससे मिलकर उन्हें भी बहुत ख़ुशी हुई I

राष्ट्रमंडल संसदीय दल के कोषाध्यक्ष सांसद अनुराग शर्मा के बारे में
सांसद अनुराग शर्मा ने अपनी मेनेजमेंट की पढ़ाई हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, बोस्टन से की और उसके बाद उन्होंने ख्याति प्राप्त उद्योगपति के रूप में बैद्यनाथ आयुर्वेदिक भवन में कार्यकारी निदेशक के रूप में कमान संभाली थी. उनकी कार्यकुशलता और उपलब्धियों को देखते हुए सांसद के रूप में अनुराग शर्मा (Anurag Sharma) को कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया जा चुका है I
बता दें कि सांसद श्री अनुराग शर्मा जी नेतृत्व में बैद्यनाथ आयुर्वेदिक भवन अपने 100 वर्षों का सफलतम कार्यकाल पूरा किया है और इसकी सतत प्रगति जारी है। व्यावसायिक क्षेत्र में आपने एक के बाद एक नई उपलब्धियाँ हासिल करते हुए आयुर्वेद की प्रगति के लिए बैद्यनाथ रिसर्च फाउंडेशन लिमिटेड और के विकास में अग्रणी भूमिका निभाई है इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयुर्वेदिक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए आयुर्वेदान्त प्राइवेट लिमिटेड की भी स्थापना की, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयुर्वेदिक उत्पादों को लोकप्रिय बनाने का कार्य कर रही है, विश्व प्रसिद्ध आयुर्वेदिक उत्पाद ‘मंत्रा’ इसी कंपनी का एक उत्पाद है। इसके अतिरिक्त अनुराग शर्मा कैपिटल क्राफ्ट लिमिटेड, यामा फाइनेंस लिमिटेड और बुंदेलखंड की सबसे बड़ी प्लास्टिक उत्पादक पीतांबरा प्लास्टिक प्राइवेट लिमिटेड के संचालक हैं। उनसे बुंदेलखंड के पिछड़ेपन को दूर करने की अपेक्षा है।