– ज्ञानस्थली कालेज का प्रिंसिपल सहित तीन गिरफ्तार, तीन फरार

झांसी। ज्ञान स्थली कॉलेज के प्रिंसिपल द्वारा अपने साथियों के साथ एक एनजीओ संचालक के साथी का अपहरण कर लिया गया तथा उसे बंधक बनाकर सिगरेट से जलाकर यातनाएं दी गई। पुलिस ने झांसी-कानपुर हाईवे पर एक फार्म हाउस में पहुंचकर अपहृत को सकुशल बरामद कर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य सहित तीन साथियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीन अन्य साथियों की तलाश की जा रही है।

पुलिस लाइन सभागार में इस मामले का पर्दाफाश करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश एस ने बताया कि बिहार के भोजपुर गांव निवासी दीपक शांडिल्य ने पुलिस को सूचना दी थी कि उसका भांजा आशीष पाठक 19 अक्टूबर को घर से लखनऊ जाने की कहकर निकला था, लेकिन इसके बाद वापस नहीं आया। 25 अक्टूबर को दीपक ने बिहार पुलिस को सूचना दी कि उसके भांजे को डॉ विक्रम सक्सेना ने झांसी जिले के पूंछ थाना क्षेत्र में एक फार्म हाउस में बंधक बना रखा है। बिहार पुलिस ने इसकी सूचना झांसी पुलिस को दी।

इस सूचना पर झांसी पुलिस सक्रिय हुई और पूंछ थाना क्षेत्र में सुलेमान के फार्म हाउस पर छापा मारकर आशीष को बरामद कर लिया। इस फार्म हाउस को सुलेमान पुत्र दीनमोहम्मद निवासी तालाब मोहल्ला कस्बा व थाना पूँछ जिला झाँसी किराये पर लिये हुये है। एसएसपी ने बताया कि मौके से डॉक्टर विक्रम सक्सेना निवासी आवास विकास नन्दनपुरा थाना सीपरी बाजार जिला झाँसी, सुलेमान निवासी तालाब मोहल्ला कस्बा व थाना पूँछ जिला झाँसी तथा अनुराग यादव निवासी ग्राम काशीपुरा थाना पूँछ जिला झाँसी को गिरफ्तार किया गया है, जबकि विनोद कोरियन, रामजी यादव तथा आशू यादव उर्फ शैलेंद्र मौके से फरार हो गए। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।

उन्होंने बताया कि डॉ पूछताँछ में यह तथ्य प्रकाश में आया कि डा0 विक्रम सक्सेना जो ज्ञानस्थली पब्लिक स्कूल में प्रिंसिपल है साथ ही स्किल फीड फाउंडेशन नाम का NGO भी चलाते है उक्त NGO में 10 करोड़ रूपयों की फंडिंग को लेकर अपने साथी विनोद कोरियन के माध्यम से अपहृत आशीष पाठक से बातचीत की गई और इसी काम को आगे बढाते हुये 19 अक्टूबर को अभियुक्त गण विनोद कोरियन, डा0 विक्रम सक्सेना, रामजी यादव, अनुराग यादव लखनऊ में अपहृत अशीष पाठक से मिले जहाँ पर बातचीत के दौरान डा0 विक्रम सक्सेना के द्वारा किसी शुभम गर्ग के खाते में 04 लाख रूपयों का ट्राजेक्शन किया गया और शुभम गर्ग के द्वारा बताया गया कि कम्पनी का एक आदमी आ रहा है काफी इन्तेजार करने के बाद जब कोई नही आया तब 19 अक्टूबर को ये सभी लोग लखनऊ में ही रुक गये। 20 अक्टूबर को अभियुक्त गण द्वारा पीड़ित/अपहृत आशीष पाठक से पैसो की मांग की गई। आशीष पाठक के द्वारा मना करने पर सभी अभि0गण आशीष को लेकर झांसी आ गये और पूँछ कस्बे के सुलेमान के फार्म हाउस में बंधक बनाकर रख दिया लगभग 4 दिन तक बंधक बनाकर उसके साथ पैसों की मांग को लेकर बेल्ट से मारपीट की गई व सिगरेट से उसके हाथों को जला कर यातनाएं भी दीं। अपहृताओं के चंगुल से मुक्त होने पर आशीष व उसके परिजनों ने राहत की सांस ली है।