आरटीओ कार्यालय में दलालों की संलिप्तता को रोकने के निर्देश,सर्वर रूम व्यवस्थित ना पाए जाने पर नाराजगी 

परिवहन विभाग ऑनलाइन सेवाओं की जानकारी कार्यालय के बाहर डिस्प्ले करना सुनिश्चित करें

झांसी। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार द्वारा बुधवार को कार्यालय क्षेत्रीय/ सम्भागीय परिवहन अधिकारी, झॉसी का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान बना रहा अफरा-तफरी का माहौल। जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि समस्त अधिकारी/ कर्मचारी कार्यालय में उपस्थित होकर जनसमस्याओं को सुने और उनका समय से निस्तारण करना सुनिश्चित करें।

जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान कार्यालय सम्भागीय परिवहन अधिकारी स्थित विभिन्न अनुभागों एवं पटलों का निरीक्षण किया एवं कर्मचारियों/अधिकारियों की उपस्थिति की जांच की। जांच के दौरान 2 कर्मचारी स्वीकृत अवकाश पर पाये गये। सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी सुरेन्द्र अग्रवाल एवं खेमचन्द्र गौतम कार्यालय न होने पर उनसे दूरभाष पर वार्ता की गई। वार्ता करने के दौरान पाया गया कि उपरोक्त दोनों अधिकारीगण द्वारा क्षेत्र में प्रवर्तन सम्बन्धी कार्य किया जा रहा है। उन्होंने निर्देश दिए कि कार्यालय में भ्रमण पंजिका उपलब्ध कराई जाए ताकि भ्रमण शील अधिकारी/ कर्मचारी उसमें भ्रमण की जानकारी दर्ज करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने वाहन परमिट अनुभाग का निरीक्षण किया एवं स्वयं कंप्यूटर पर ऑनलाइन लम्बित वाहन परमिट की जानकारी ली। ऑनलाइन परमिट की समीक्षा करने पर बताया कि 3 विशेष वाहन परमिट अभी लम्बित है। जब पोर्टल के माध्यम से समीक्षा की गई, तो विशेष वाहन परमिट किसके द्वारा वैरीफाइड किया गया तथा कब वैरीफाइड किया गया, इसका विवरण उपलबध नहीं पाया गया, जिसके सम्बन्ध में निर्देश दिए गए कि सम्भागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन द्वारा इसके सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही कर ली जाए एवं जिस तिथि के लिए वाहन परमिट हेतु अनुमति मांगी जा रही है, उससे पूर्व उनका निस्तारण करना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने अनावश्यक परमिट आवेदन को लंबित रखने पर कार्यवाही किए जाने की भी निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने परमिट जारी करते समय वाहन सेफ्टी आदि बिन्दुओं का भी ध्यान रखने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि परिवहन विभाग की जिन सेवाओं को ऑनलाइन किया जा चुका है, उनको कार्यालय के बाहर डिस्प्ले किया जाए, ताकि आम जनमानस को इसकी जानकारी रहे कि वे सेवायें ऑनलाइन हो चुकी है एवं उक्त सेवाओं के लिए कार्यालय आने की जरूरत नहीं है।
जिलाधिकारी ने निरीक्षण के दौरान कार्यालय में कार्य की पारदर्शिता/शुचिता एवं कार्यालय में दलालों की संलिप्तता के सम्बन्ध में जांच की गई एवं कार्यालय में आने वाले व्यक्तियों से पूंछतांछ की गई। जांच के दौरान एक व्यक्ति संदिग्ध प्रतीत हुआ, जिसके सम्बन्ध में नगर मजिस्ट्रेट को निर्देश दिए गए कि उक्त प्रकरण की नियमानुसार जांच की जाए एवं उक्त व्यक्ति द्वारा लोगों को भ्रमित किया जा रहा है, तो उस पर नियमानुसार कार्यवाही की जाए। नगर मजिस्ट्रेट द्वारा जांच करने पर उक्त दलाल की एफआईआर दर्ज की गई। इसके अतिरिक्त सर्वर रूम व्यवस्थित नहीं पाया गया एवं एक कक्ष में अभिलेखों को बेतरतीब ढंग से रखा हुआ पाए जाने पर नाराजगी व्यक्त की और व्यवस्थित किये जाने के निर्देश दिए गए।