लक्ष्मीताल का पुलिस व प्रशासनिक अफसरों के साथ सभी धर्मों के प्रतिनिधियों ने किया दौरा
झांसी। प्राचीन लक्ष्मी ताल को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए एनजीटी में दायर याचिका पर 17 फरवरी को फैसला आना है। इसको देखते हुए सामंजस्य बनाने के लिए जिला, पुलिस और नगर निगम प्रशासन ने अपनी पूरी तैयारी करते हुए हिंदू, मुस्लिम संगठनों के धर्मगुरू और कार्यकर्ताओं से वार्तालाप कर फैसला का पालन करने की अपील की है।
बुधवार को नगर निगम सभा कक्ष में अपर नगर आयुक्त के नेतृत्व में आयोजित की गई बैठक में पुलिस प्रशासन की ओर से सीओ सिटी, सिटी मजिस्ट्रेट उपस्थित रहे। वही हिंदू संगठन से अंचल अड़जरिया, आचार्य अविनाश, ललन महाराज, विनोद अवस्थी, गोली गुप्ता, अर्जुन पंडित, जयदीप खरे तथा मुस्लिम धर्म से मोहम्मद कासिम, कलाम कुरैशी, सूफी असलम खान, हैदर आब्दी, साने हैदर आब्दी, शरीफ अहमद, जमील अहमद आदि उपस्थित रहे। बैठक में अधिकारियों ने दोनो धर्म के लोगों से बताया की लक्ष्मी ताल को अतिक्रमण मुक्त कराने एनजीटी में दायर याचिका में 17 फरवरी को फैसला आएगा। उन्होंने अपील की है कि 17 को आने वाले फैसले को सभी को सम्मान करना होगा। प्रशासनिक अधिकारी ने बताया की 17 को फैसला आने के पूर्व दस फरवरी को एक बार फिर जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम लक्ष्मी ताल का निरीक्षण करेगी।
बैठक में दोनो धर्म के लोगों ने एनजीटी के फैसले का सम्मान करने की बात पर सहमति जताई। इसके बाद दोनों धर्म के लोगों के साथ पुलिस, जिला प्रशासन और नगर निगम ने लक्ष्मी ताल का निरीक्षण किया। इस दौरान बापू का टापू पर स्थित प्रतिमा को नही हटाए जाने की अंचल अड़जरिया ने मांग की। उन्होंने कहा टापू से प्रतिमा न हटाई जाए बल्कि उसका सौंदर्यीकरण कर भव्य रूप दिया जाए। प्रशासनिक अधिकारी ने बताया की 17 को फैसला आने के पूर्व दस फरवरी को एक बार फिर जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम लक्ष्मी ताल का निरीक्षण करेगी।