8 वर्ष 9 माह पुराने मामले में आया फैसला
झांसी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो अधि० सहित बलात्कार),न्यायालय सं०- 9, फरीदा बेगम की अदालत में करीब 13 वर्षीय अबोध बच्ची का अपहरण कर हवस का शिकार बनाने वाले तीन अभियुक्तों को 20-20 वर्ष के सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई गई है।
विशेष लोक अभियोजक चन्द्र प्रकाश शर्मा के अनुसार वादी मुकदमा ने चौकी प्रभारी विश्व विद्यालय मेडिकल कालेज थाना नवाबाद को लिखित तहरीर देते हुए बताया था कि वह पिछले 30 वर्ष से न्यू आर०टी०ओ० ऑफिस
के पास मजदूरी करता है। वहीं पर अस्थाई निवास करता है। उसकी पुत्री पीडिता उम्र 13 वर्ष 04 माह जिसे 30 जून 2014 समय सुबह 8.00 बजे घर से कोई बहला फुसला कर भगा ले गया है। काफी तलाश करने पर भी उसका कोई पता नहीं लगा है। तहरीर के आधार पर थाना नवाबाद में अभियुक्त अज्ञात के विरूद्ध धारा 363, 366 भा०दं०सं० के अन्तर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया।बाद विवेचना विवेचक द्वारा अभियुक्तगण अशोक टैम्पो, सेवक कुशवाहा, नंदलाल कुशवाहा एवं प्रकाश कुशवाहा के विरुद्ध अलग-अलग आरोप पत्र अन्तर्गत धारा- 363, 366, 376 डी, 504, 506 भा०दं० सं० व धारा- 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधि० व धारा-3 (2)(5) एस०सी०एस०टी०एक्ट के तहत न्यायालय में प्रेषित किये गये।दौरान विचारण अभियुक्त नंदलाल कुशवाहा की मृत्यु हो गयी ।
जहां प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर दोष सिद्ध अशोक उर्फ टैम्पो पुत्र स्व० कालीचरन निवासी मद्रासी कॉलोनी बडागांव गेट बाहर नारायन बाग चौराहा थाना कोतवाली,सेवक कुशवाहा पुत्र नरेन्द्र सिंह निवासी बुढानपुर थाना बामौर जिला शिवपुरी व प्रकाश कुशवाहा पुत्र नारायन जू दास निवासी ग्राम धर्मपुरा थाना मायापुर जिला शिवपुरी म०प्र० को धारा 376 डी भा. दं. सं.के अपराध के लिए 20-20(बीस-बीस) वर्ष के सश्रम कारावास एवं दस-दस हजार रूपए अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर प्रत्येक को तीन- तीन माह के अतिरिक्त कारावास, धारा 366 भा०द०सं० के अपराध के लिये 07-07 (सात-सात) वर्ष के सश्रम कारावास तथा पांच-पांच हजार रूपये अर्थदण्ड, अर्थदण्ड अदा न करने पर प्रत्येक को दो-दो माह के अतिरिक्त कारावास, धारा 363 भा०दं०सं० के अपराध के लिए 03-03 वर्ष के सश्रम कारावास व दो-दो हजार रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर एक-एक माह के अतिरिक्त कारावास ,धारा 506 भा०द०सं० के अपराध के लिए 02-02 (दो-दो) वर्ष के सश्रम कारावास तथा एक-एक हजार रूपये अर्थदण्ड , अर्थदण्ड अदा न करने पर 15-15 (पन्द्रह-पन्द्रह) दिन के अतिरिक्त कारावास की सज़ा सुनाई गई।जमा किये गयेअर्थदण्ड में से पीडिता को पचास प्रतिशत धनराशि दं०प्र०सं० की धारा 357 ए के अन्तर्गत प्रदान की जाएगी ।
उल्लेखनीय है कि उक्त न्यायालय द्वारा सख्त रूख अख्तियार करते हुए एक सप्ताह में ही कई मुकदमों में दोषसिद्ध अभियुक्तों को सजा सुनाए जाने से अभियुक्तों में खौफ बढ़ता जा रहा है।