प्रयागराज में कब्रिस्तान में कब्र की खुदाई, बेटे के चेहरा देखने की अतीक की हसरत ने जेल की कोठरी में दम तोड़ा

Jhansi. कुख्यात माफिया अतीक अहमद आखिरी बार बेटे असद का चेहरा देखने की चाहत जेल की कोठरी में अधूरी ही रह जाएगी। इसके पीछे शुक्रवार यानी 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के चलते कोर्ट बंद है। यदि अतीक के वकील असद के जनाजे में शामिल होने की अर्जी डालते हैं तो उसमें तकनीकी दिक्कत आ सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अतीक के बेटे को प्रयागराज में उस कब्रगाह में सुपर्द-ए-खाक किया जाएगा जहां उसके दादा दादी आदि परिजन दफ़न हैं।

बताया गया है कि झांसी में माफिया अतीक के बेटे असद का शव उसके नाना हारून और खालू डॉक्टर उस्मान करेंगे रिसीव। दोनों का ही कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। शूटर गुलाम का शव लेने उसकी पत्नी झांसी पहुंच सकती है। गुलाम की मां और भाई ने शव लेने और चेहरा देखने से इनकार कर दिया गया था। मीडिया रिपोट्स के मुताबिक, उमेश की हत्या में गुलाम का नाम सामने आते ही उसकी मां ने कहा था कि बेटा मुठभेड़ में मारा गया तो हम उसकी बॉडी लेने तक नहीं जाएंगे। क्योंकि गुलाम की मां खुसनूदा और भाई राहिल हसन ने कहा कि अगर गुलाम मुठभेड़ में मारा गया तो उसका शव लेने तक नहीं जाएंगे, चेहरा भी नहीं देखेंगे। झांसी से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शवों को प्रयागराज ले जाया जाएगा।

गौरतलब है कि उमेश हत्याकांड के आरोपी और अतीक अहमद के बेटे असद और उसके गुर्गे गुलाम मोहम्मद को यूपी एसटीएफ ने गुरुवार 13 अप्रैल को झांसी में मार गिराया, पुलिस ने पहले दोनों को सरेंडर करने का मौका दिया, लेकिन गुलाम ने पुलिस पर फायरिंग की और असद ने बाइक दौड़ाई। करीब 20 मिनट में 42 फायरिंग हुई और दोनों को पुलिस ने ढेर कर दिया।

आखिरी बार बेटे का मुंह नही देख पायेगा अतीक- खास बात यह है कि शायद आखिरी बार बेटे असद का चेहरा देखने की चाहत अतीक अहमद की अधूरी ही रह जाएगी। दरअसल, शुक्रवार यानी 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के चलते कोर्ट बंद है। यदि अतीक के वकील असद के जनाजे में शामिल होने की अर्जी डालते हैं तो उसमें तकनीकी दिक्कत आ सकती है। हालांकि, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अतीक के बेटे के जनाजे में शामिल होने की वालों की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। आपको बता दे कि प्रयागराज के चकिया में तांगा चलाने वाला का बेटा अतीक अहमद 17 साल की उम्र में ही कत्ल कर बलवान बन बैठा और अपराध की दुनिया में दहाड़ने लगा। अतीक ने प्रयागराज के थानों के रजिस्टरों में अपना नाम दर्ज करवाता गया, करीब 100 से ज्यादा मुकदमों का मालिक बन बैठा। वहीं, अतीक ने अपने बेटे के लिए भी अतीक पार्ट-2 की कहानी रची, लेकिन बेटे के हाथों अपनी जिंदगी का कांटा बने उमेश पाल की हत्या करवाना उसे भारी पड़ा। यह हत्या अतीक के बेटे की पहली हत्या थी, जो उसके लिए ही काल बन गई।