झांसी। बुंदेलखंड इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी के शिक्षकों ने भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समलैंगिक एवं ट्रांसजेंडर आदि व्यक्तियों के विवाह को विधि मान्यता देने के निर्णय की तत्परता एवं आतुरता से विचलित होकर अपना विरोध जताया है। प्रोफेसर यशपाल सिंह ने कहां की समलैंगिक विवाह भारत की संस्कृति सभ्यता एवं भारतीय समाज की मूलभूत मान्यताओं के विपरीत है।

प्रोफेसर एसपी गुप्ता ने कहा समलैंगिक विवाह को विधिक मान्यता देने से समाज में अनेक सामाजिक विसंगतियां एवं कानूनी जटिलताएं पैदा हो सकती हैं। प्रोफेसर डीके श्रीवास्तव ने कहा की पश्चिम की सामाजिक एवं संस्कृतिक मान्यताओं एवं अवधारणाओं को आधुनिकता एवं अत्यंत अल्प समूह की इच्छा व माँग पर बिना सोचे समझे भारतीय समाज पर आरोपित करना हमारी आगामी पीढ़ी के लिए ठीक ना होगा।

इस अवसर पर प्रो एके सोलंकी, प्रो आरएन श्रीवास्तव, प्रो पीके महेंद्र कुमार, इंजीनियर मुद्रेस मोहन, डॉ दीपक नागराज, डॉ अजय सूर्यवंशी, डॉ अरुण कुमार पांडे, डॉ अतुल द्विवेदी, डॉ आशीष गुप्ता, इंजीनियर अनुज गुप्ता, धर्मेंद्र यादव, पवन गुप्ता मनोज श्रीवास्तव, मोहित कश्यप, हरे राम राय आदि अनेक शिक्षक उपस्थित रहे।