बांसवाड़ा (राजस्थान) । जिला बांसवाडा में हुए अनोखा विवाह इन दिनों सोशल मीडिया पर ट्रेन्ड कर रहा है। यहां एक दूल्हे ने दो दुल्हनों के साथ एक ही मंडप में एक साथ 7 फेरे ले लिए। इस शादी में दूल्हा और दोनों दुल्हनों के परिजन भी मौजूद रहे। शादी समारोह बड़े हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ, जिसे देखने कई लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। पूरे गांव में इस अनोखी शादी की खूब चर्चा रही।

जिला बांसवाडा के आनंदपुरी तहसील क्षेत्र के आंबादरा गांव के युवक नरेश पारगी ने खंडेरा गांव की दुल्हन रेखा रोत और सेरारावाला गांव की अनीता डामोर के साथ एक ही मंडप में सात फेरे लेकर शादी रचाई। इतना ही नहीं दूल्हे नरेश ने शादी के निमंत्रण कार्ड पर दोनों युवतियों के नाम भी लिखवाये। इस तरह की अनोखी शादी से पूरे गांव में उत्सव सा माहौल देखने मिला। लोगों में इस शादी को लेकर कौतुहल और उत्साह बना हुआ था।

नरेश की लव स्टोरी : दरअसल, दूल्हा नरेश गुजरात में मजदूरी का काम करता है। वहीं पर रेखा और अनीता भी मजदूरी करती थी। वह कुछ महीने पहले ही दोनों को नातरा प्रथा के तहत अपने साथ ले आया था। इसके बाद तीनों परिवारों की आपसी रजामंदी से समाज के रस्मों रिवाज के साथ शादी करने का तय किया गया। नरेश ने बताया कि साल 2013 में उसे रेखा से प्‍यार हो गया था। वह उसे बिना शादी किए ही अपने घर लेकर आ गया था, जिसे स्‍थानीय भाषा में दुल्‍हन को नातरा करके ले जाना कहते हैं। इसके बाद पांच साल बाद 2018 में एक पत्‍नी रेखा के रहने हुए दूसरी युवती अनिता को दिल दे बैठा और अनिता को भी नातरा करके घर ले आया। अब पांच साल बाद दोनों से शादी की है। दोनों दुल्हनों के बीच विवाद की कोई जानकारी नहीं है, दोनों ने रजामंदी से शादी की है।

हिंदू विवाह के रीति-रिवाज के अनुसार सारी रस्में पूरी की गई। जनजाति समाज के विवाह तीनों के परिजन सहित सभी रिश्तेदार और गांव के लोग भी पहुंचे थे। सभी ने बहुत ही उत्साहपूर्वक शादी समारोह में भाग लिया। हर किसी ने इस शादी का वीडियो आपने मोबाइल कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर वायरल किया। बता दें कि यह जनजाति क्षेत्र है और इस गांव में इस तरह यह पहला विवाह हुआ है जिसमें एक दूल्हे ने दो दुल्हनों के साथ शादी रचाई हो। क्षेत्र में नातरा प्रथा प्रचलित है।

दुल्हन के परिजनों द्वारा दूल्हे को कंधे पर बिठाकर पारंपरिक वाद्ययंत्र ढोल नगाड़े बजा कर खुशी के गीत गाते नाच गान करते दिखाई दिए। महिलाओं ने स्थानीय जनजाति भाषा में मांगलिक गीत गाए। यह अनोखी शादी देखकर जिले भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस तरह का विवाह क्षेत्र में पहले कभी देखने नहीं मिला। इस विवाह से क्षेत्र के लोगों में ख़ुशी का माहौल है।

ये हैं नातरा प्रथा ? : जब किसी स्त्री का पति मर जाए या छोड़ जाए तो परिवार के लोग उस स्त्री को दूसरे व्यक्ति के साथ घर बसाने की इजाजत दे देते हैं, इसे ही नातरा कहते हैं। इसमें सबकी रजामंदी शामिल होती है। वैसे तो यह प्रथा विधवा, विधुर या परित्यक्त महिलाओं के लिए शुरू किया गया था, लेकिन धीरे धीरे इसका प्रचलन काफी बढ़ गया। इसके तहत किसी भी युवती को विवाह के लिये घर ले जाया जाता है, उसमें शर्त होती है कि पहला विवाह नियम पूर्वक होना चाहिये। इसके तहत बिना शादी किये एक से ज्यादा पत्नी रखने का अधिकार होता है।