– रास्ते में दो ट्रेन छोड़ कर चले गए ड्राइवर-गार्ड, यात्रियों ने किया हंगामा, पटरी पर उतरे 

बाराबंकी (संवाद सूत्र)।  बाराबंकी जिले में लखनऊ– गोरखपुर रेलखंड के बुढ़वल स्टेशन पर दो एक्सप्रेस ट्रेनों को ड्राइवर ने 12 घंटे ड्यूटी होने पर ट्रेन खड़ी कर दी और चले गए। 3 घंटे से अधिक समय बीतने पर भी ट्रेन के नहीं चलने पर उनमें सवार यात्रियों ने जमकर हंगामा काटा और आरपीएफ, जीआरपी, स्टेशन अधीक्षक समेत सभी स्टाफ मूक दर्शक बने रहे। इस दौरान स्टेशन अधीक्षक ने यात्रियों की समस्या पर फोन उठाना बंद कर दिया।

ट्रेन के अंदर पानी, भोजन और बिजली की आपूर्ति न होने से, परेशान यात्रियों ने विरोध प्रदर्शन किया और एक्सप्रेस ट्रेन की आवाजाही को अवरुद्ध करते हुए रेल ट्रैक पर आ गए। यात्रियों के जोरदार हंगामे पर रेलवे विभाग ने आनन-फानन ड्यूटी के दूसरे चालकों को लखनऊ से बुढ़वल लाया गया, जिसके बाद ट्रेनों को आगे के लिए रवाना किया गया। इस स्थिति के चलते सहरसा से दिल्ली जाने वाली ट्रेन 3 घंटे 40 मिनट और बरौनी से लखनऊ जा रही ट्रेन 1 घंटा 41 मिनट तक बुढ़वल स्टेशन पर खड़ी रही। भारतीय रेलवे के इतिहास में अपने आप में पहला खतरनाक कारनामा दर्ज हो गया है। दोनों ट्रेनों में 2500 से अधिक यात्री सवार थे।

दरअसल, लखनऊ-गोरखपुर रेलखंड के बुढ़वल रेलवे स्टेशन से गुजर रही दो एक्सप्रेस ट्रेनों के चालक और गार्डों ने ट्रेन आगे ले जाने से मना कर दिया। उन्होंने ट्रेन ये कह छोड़ दिया कि उनकी ड्यूटी टाइम के 12 घंटे बीत चुके हैं। सहरसा बिहार से चलकर नई दिल्ली जा रही सहरसा -नई दिल्ली छठ पूजा स्पेशल (04021) के बुधवार दोपहर 1:15 पर बुढ़वल स्टेशन पर पहुंची थी। इसके चालक और गार्ड ने ट्रेन को प्लेटफार्म नंबर तीन और चार के बीच खड़ा कर दिया। इस पर यात्रियों ने हंगामा शुरु कर दिया। इस ट्रेन के चालक और गार्ड का कहना था कि उनकी 12 घंटे की ड्यूटी है और यह अवधि पूरी हो चुकी है। इसपर नियंत्रण कक्ष लखनऊ को हालात बताए गए। इस पर इस ट्रेन के चालक और गार्ड लखनऊ से बुढ़वल लाए गए। सहरसा से नई दिल्ली के लिए 4:50 बजे लेकर रवाना हुए। इस तरह से यह ट्रेन 3 घंटे 40 मिनट तक रेलवे स्टेशन पर ही खड़ी रही।

इसी स्टेशन पर बरौनी से लखनऊ जा रही बरौनी-लखनऊ जंक्शन एक्सप्रेस (15203) के चालक और गार्ड ने भी यहीं कहानी दोहरा दी। इन दोनों ने भी स्टेशन अधीक्षक को बताया कि उनकी 12 घंटे की ड्यूटी पूरी हो चुकी है। वह अब आगे ट्रेन को लेकर नहीं जा सकते हैं। यह ट्रेन शाम 4:04 बजे यहां पर पहुंची थी। इस ट्रेन के दूसरे चालक और गार्ड को लखनऊ से बुलाया गया। इसके बाद 5:46 पर आगे के लिए रवाना किया गया। इन हालातों में यह ट्रेन 1 घंटा 41 मिनट तक बुढ़वल स्टेशन पर खड़ी रही।

बुढ़वल स्टेशन के जीआरपी इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह ने मीडिया को बताया कि सहरसा से दिल्ली जा रही नान स्टॉप ट्रेन के ड्राइवर 12 घंटे ड्यूटी समय पूरा होने पर छोड़ कर चले गए। वहीं शाम 4 बजे बरौनी से लखनऊ जा रही बरौनी एक्सप्रेस ट्रेन भी खड़ी हो गई थी। इस ट्रेन के ड्राइवर और गार्ड ने ड्यूटी पूरी होना बात कर ट्रेन छोड़ कर चले गए थे। गाड़ी के लेट होने पर यात्रियों ने करीब 20 मिनट हांगमा किया था, जिनको समझा बुझा कर शांत कराया गया। कंट्रोल चेंज होने के बाद ये ट्रेन भी रवाना हो गई।

दरअसल सहरसा -नई दिल्ली छठ पूजा स्पेशल को 27 नवंबर को शाम 7 बजकर 15 मिनट पर रवाना होना था। लेकिन, 28 नवंबर को सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर अपने प्रारंभिक स्टेशन सहरसा से रवाना हुई। ट्रेन 19 घंटे से अधिक देरी से गोरखपुर पहुंची। एक्सप्रेस का बुढ़वल जंक्शन पर कोई ठहराव नहीं था, लेकिन दोपहर करीब 1 बजकर 15 मिनट पर ट्रेन अनिर्धारित रूप से रुकी।
वहीं, सहरसा -नई दिल्ली छठ पूजा स्पेशल में सवार एक यात्री ने कहा कि हमारी यात्रा अधिकतम 25 घंटे 20 मिनट में खत्म होनी थी। लेकिन, इस स्पेशल ट्रेन में यह तीसरा दिन था।

बेचैनी का बताते हुए ड्राइवर ने छोड़ी ट्रेन
दूसरी ट्रेन, बरौनी-लखनऊ जंक्शन एक्सप्रेस (15203) जो पहले से ही 5 घंटे 30 मिनट से अधिक की देरी से चल रही थी और शाम 4 बजकर 04 मिनट पर बुढ़वल जंक्शन पहुंची, ट्रेन के कर्मचारियों को भी लोकोमोटिव इंजन छोड़ते हुए देखा गया। एक रेलवे अधिकारी ने कहा कि ट्रेन के लोको-पायलट में से एक ने बेचैनी व्यक्त की और ट्रेन छोड़ दी। चूंकि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है, इसलिए गोंडा जंक्शन से नए कर्मचारियों को बुलाया गया और ट्रेन शाम 5 बजकर 42 मिनट पर लखनऊ जंक्शन के लिए रवाना हुई। ट्रेन 7 बजकर 42 मिनट पर लखनऊ पहुंची।