झांसी। 2017 में व्यापम घोटाले में सजा याफ्ता आरोपी जेल से जमानत पर छूटा कर विभिन्न पेपर लीक कांड और अभ्यर्थियों को पास कराने वाले गिरोह का मास्टर माइंड बन गया, किंतु यूपी एसटीएफ व झांसी पुलिस से नहीं बच पाया, उसे मंगलवार को झांसी में दबोच लिया गया।

इस मामले में पुलिस अधीक्षक नगर ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक से लेकर सॉल्वरों की मदद से प्रश्नपत्र हल कराकर अभ्यर्थियों को पास कराने के बड़े मामलों को अंजाम देने वाले गिरोह के सरगना अमिताभ रावत को स्वाट झांसी और एसटीएफ की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बताया कि अमिताभ मध्यप्रदेश के मुरैना का रहने वाला है और 2017 व्यापम घोटाले का भी यह मुख्य आरोपी था । इस मामले में अमिताभ को पांच साल की सजा हुई थी । लगभग तीन साल तक जेल में रहने के बाद यह जमानत पर रिहा हुआ था।

पूछताछ के दौरान अमिताभ ने कई सहयोगियों के नामों को खुलासा किया है। उन सभी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है। अमिताभ को जेल भेजा रहा है। बताया गया है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में बड़े घाटालों को अंजाम देने वाला अमिताभ का गैंग एसएससीजीडी परीक्षा में पेपर लीक कराने की फिराक में था लेकिन यह गैंग अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाया।

भर्ती परीक्षाओं में कराता था धांधली

अभिताभ रावत ने पूछताछ में बताया कि उसने वर्ष 2006 में डीईडी कर लिया था. वर्ष 2009 में प्राइमरी स्कूल जोरा मुरैना, मध्य प्रदेश में शिक्षक की नौकरी लग गई. 2017 में जब वह एमए कर रहा था तो उसकी मुलाकात राजेन्द्र रावत निवासी ग्राम चनोता, मुरैना मध्य प्रदेश से हुई. राजेन्द्र प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यार्थियों से पैसा लेकर सॉल्वर बैठाता था. राजेन्द्र से ही अभिताभ ने यह काम सीखा था. उसके बाद अभिताभ ने भी अभ्यार्थियों से पैसे लेकर परीक्षाओं में फर्जी सॉल्वर बैठाने का काम शुरू कर दिया था।

2013 में पकड़े गए थे सॉल्वर

अभियुक्त अभिताभ रावत ने बताया कि उसने अलीगढ़ निवासी रनवीर जाट जो कि डीईडी में उसके साथ ही पढता था, को वर्ष 2013 में मध्य प्रदेश आरक्षी भर्ती परीक्षा में तीन लाख रुपये देकर सतेन्द्र रावत की जगह रनवीर जाट को परीक्षा देने के लिए बैठाया था. इसमें सतेन्द्र व रनवीर पकडे़ गए थे. इस केस में अभियुक्त अभिताभ रावत की अग्रिम जमानत हो गई थी. वर्ष 2016 में जब ऑनलाइन परीक्षाएं होने लगीं तब पुनः अभिताभ ने राजेन्द्र रावत से संपर्क किया और उसके माध्यम से बबलू रावत से मिला. बबलू के साथ मिलकर वर्ष 2016 में सिलिकाजेल से बायोमैट्रीक इंप्रेशन बनाकर सॉल्वर बैठाकर परीक्षा में धांधली कराने लगा। अभिताभ ने बताया कि 17 एवं 18 फरवरी 2024 को हुई उप्र पुलिस आरक्षी भर्ती में विष्णु चौधरी निवासी आगरा से संपर्क करके भर्ती कराने के नाम पर कई अभ्यार्थियों से पैसा एकत्र किया गया था।