– बहू की मौत को आत्महत्या के रूप देने पर गवाह हो गए थे पक्षद्रोही
झांसी(बुन्देलखण्ड)। फ ांसी के फं दे पर झूलकर महिला की मौत को आत्महत्या का रुप देने के मामले में गवाहों के पक्षद्रोही होने के बाद भी अपर सत्र न्यायाधीश षष्ठम सुरेन्द्र कुमार सिंह द्वितीय की अदालत में पति, सास-ससुर व जेठ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुलकांत श्रीवास्तव ने बताया कि विगत 27 जुलाई 2016 को खुशीराम यादव ने थाना बरूआसागर में प्रार्थना पत्र देते हुये बताया था कि उसकी पुत्री दीपा का विवाह ग्राम तिलैथा निवासी सतीष यादव के पुत्र रवि के साथ करीब 2 वर्ष पूर्व हुआ था। विवाह के बाद 1 लाख रुपये व मोटर साईकिल की मांग पूरी न होने पर पति, सास, ससुर व जेठ ने दीपा को फ ांसी के फं दे पर लटकाकर उसकी हत्या कर दी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने रवि यादव के विरूद्ध धारा 304बी व धारा 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया था। क्षेत्राधिकारी द्वारा विवेचना उपरांत पति रवि यादव, जेठ राजू यादव, ससुर सतीश कुमार यादव व सास पुष्पा के विरूद्ध धारा 498ए, 304बी व 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किये जाने का आदेश दिया गया। पुलिस द्वारा अभियुक्तों के विरूद्ध उपरोक्त धाराओं के साथ ही वैकल्पिक आरोप धारा 302 भा0द0सं0 के तहत आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया।
न्यायालय में मृतिका के पिता सहित सभी सात साक्षियों को पक्षद्रोही घोषित किये जाने के बाद भी अभियुक्त रवि यादव, राजू यादव, पुष्पा देवी व सतीश कुमार यादव को वैकल्पिक आरोप धारा 302 के तहत दोषी मानते हुये प्रत्येक को आजीवन कारावास व 10-10 हजार रुपये अर्थदण्ड, अदा न करने पर 2 माह के अतिरिक्त कारावास की भी सजा सुनाई गयी। वहीं चारों अभियुक्तों को धारा 498ए, 304बी भा0द0सं0 व धारा 3/4 दहेज प्रतिषेध अधि0 में दोषमुक्त कर दिया गया।