– हिरासत अवधि को अवकाश में तब्दील कराने को आरोपी परेशान
झांसी (बुन्देलखण्ड)। जीआरपी द्वारा कथित मोबाइल फोन चोरी में पकड़े गए रेलवे पार्सल कर्मी को उस समय छोडऩा पड़ा जब शिकायतकर्ता ने आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने से इंकार कर दिया और मामले में समझौता कर लिया। जीआरपी थाने में हिरासत से डेढ़ दिन बाद छूटा आरोपी अब हिरासत के समय को अवकाश मेें तब्दील करने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहा है।
दरअसल, रेलवे पार्सल विभाग में कार्यरत मुख्य पार्सल लिपिक का सुनील नरवरिया का मोबाइल फोन कुछ दिन पूर्व गायब हो गया था। इसके बारे में मुख्य पार्सल लिपिक द्वारा जीआरपी थाने में सूचना दी गयी थी। इसके बाद एक सूचना के आधार पर जीआरपी ने एक पर्सल पोर्टर को विगत दिवस प्लेटफार्म नम्बर पांच से डयूटी के दौरान पकड़ कर गायब हुआ मोबाइल फोन बरामद कर लिया। उधर, पार्सल पोर्टर के डयूटी से जीआरपी द्वारा पकड़ कर ले जाने पर उसके स्थान पर दूसरे कर्मचारी की डयूटी लगा दी गयी। इधर, थाने में आरोपी से पूछताछ की गयी और शिकायतकर्ता को तलब किया गया। पार्सल पोर्टर को फंसते देख कर उसके पक्ष के लोगों ने शिकायतकर्ता को किसी प्रकार मैनेज कर लिया और उसने कल सायं थाने जाकर एसएसआई विनय साहू के समक्ष पहुंच कर आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने से इंकार करते हुए समझौता कर लिया। इस पर जीआरपी ने आरोपी को कल रात छोड़ दिया। इसके बाद आरोपी ने हिरासत के समय को मैनेज करने के लिए उस अवधि को अवकाश में तब्दील कराने की कोशिश शुरू कर दी गयी।
सूत्रों की मानें तो शुरूआत से ही आरोपी के अवांछनीय गतिविधियों में शामिल होने की चर्चाओं के चलते उसे अवकाश देने से सम्बन्धित अधिकारियों ने हाथ खड़े कर दिए। उनका कहना था कि जब उसे जीआरपी पकड़ कर ले गयी थी तो इसकी जानकारी विभागीय रजिस्टर में दर्ज कर ली गयी थी। अब यदि वह बेदाग छूट गया है तो जीआरपी से इसका लिखित प्रमाण लेकर आए तभी उस अवधि को अवकाश में माना जाएगा। इसके कारण आरोपी पोर्टर अधिकारियों के चक्कर काट रहा है और उसकी संदिग्ध गतिविधियों के चलते कोई उसकी मदद को तैयार नहीं है। उक्त मामले को लेकर पार्सल विभाग में चर्चाओं का बाजार गर्म है।