झांसी। विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट शकील अहमद खां की अदालत में दलित दम्पत्ति व पुत्र के साथ गाली गलौच, मारपीट कर जान से मारने की धमकी का आरोप सिद्ध होने पर तीन अभियुक्तों को तीन-तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गयी।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता बी.के राजपूत ने बताया कि थाना गरौठा क्षेत्र अन्तर्गत सिमरधा निवासी राधा चरन (काल्पनिक नाम) ने थाना गरौठा में तहरीर देते हुये बताया था कि उसके पुत्र ने 25 मार्च 2002 को अपनी बहन से छेडख़ानी के वाबत थाना गरौठा में मुकदमा दर्ज कराया था। 26 मार्च को गांव के ही हरिदास पुत्र वंशीधर, लालता, अखिलेश, झरपोटे उर्फ बृजेश कुमार पुत्रगण मक्खन लाल लोधी ने उक्त मुकदमे में राजी नामा करने का दबाब बनाते हुये जान से मारने की धमकी दी। मना करने पर एक राय होकर लाठी-डण्डा से राधा चरन (काल्पनिक नाम), उसकी पत्नी व पुत्र को जाति सूचक शब्दों से अपमानित करते हुये मारपीट की तथा जान से मारने की धमकी देकर भाग गये। मारपीट में तीनों को गम्भीर चोटें आई तथा पुत्र का पैर फ्रैक्चर हो गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना उपरांत आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। जहां दौरान मुकदमा अभियुक्त अखिलेश की मृत्यु हो गयी। न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर अभियुक्त हरिदास, लालता व झरपोटे उर्फ बृजेश कुमार को धारा 506 भा0द0सं0 व धारा 3 (1)10 एससी/एसटी एक्ट में 03-03 वर्ष का कारावास, 01-01 हजार रुपये अर्थदण्ड, अदा न करने पर 01-01 माह का अतिरिक्त कारावास, धारा 323, 504 भा0द0सं0 के अपराध में 01-01 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गयी।