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झांसी। विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के न्यायालय में सात वर्ष पहले जला कर हत्या करने के मामले में दोष सिद्ध होने पर तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास समेत 15-15 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, वादी रामभुवन अहिरवार ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि उसके पुत्र दिलीप की करीब छह साल पहले पत्नी रूबी से अलगाव हो गया था। उसके बाद दतिया निवासी अनीता पत्नी की तरह दिलीप के साथ रहने लगी थी। अनीता का आपराधिक प्रवृत्ति के नरेंद्र अहिरवार निवासी महावीरन नगरा और राजू यादव निवासी मैरी से भी संबंध थे। दिलीप ने अनीता को राजू के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। इसे लेकर राजू और नरेंद्र से दिलीप का विवाद हुआ। तभी से अनीता, नरेंद्र व राजू हत्या की साजिश रचने लगे। 26 जून 2017 की रात दिलीप अंदर दतिया गेट नर्सिंग राव टौरिया स्थित किराये के मकान पर था। उसी दौरान नरेंद्र, ब्रजकिशोर, पल्लू व राजू ने दिलीप के साथ मारपीट की। राजू ने जान से मारने की नीयत से मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी।

पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना उपरान्त नरेंद्र, अनीता, राजू एवं ब्रजकिशोर के खिलाफ आरोप पत्र पेश कर दिया। हत्या का दोष सिद्ध होने पर अभियुक्त गण नरेंद्र अहिरवार, राजू व ब्रजकिशोर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।