
झांसी। सर्किट हाउस में बुधवार रात उस समय अजीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल के सामने ही सपा पदाधिकारी आपस में भिंड़ गए और उनमें धक्का मुक्की होने लगी। आधा घंटे तक जमकर हंगामा हुआ। बाद में नेताओं ने किसी तरह स्थिति को संभाला।
रूट बदलने से आक्रोशित हुआ एक पक्ष
प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल समाजवादी पार्टी की पीडीए रैली को संबोधित करने के लिए आए थे । उनको सर्किट हाउस आना था। इसके लिए कार्यकर्ताओं ने मेडिकल बाईपास से लेकर सर्किट हाउस तक उनके स्वागत में होर्डिंग आदि लगाई थी, मगर एक पक्ष प्रदेश अध्यक्ष को दूसरे रास्ते से सर्किट हाउस लाया गया। जबकि, मेडिकल बाईपास से लेकर सर्किट हाउस के बीच में कार्यकर्ता उनके स्वागत के लिए खड़े रहे। इनका आरोप था कि समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष द्वारा जानबूझकर प्रदेश अध्यक्ष को दूसरे रास्ते से ले जाया गया। ताकि महानगर की इकाई प्रदेश अध्यक्ष से दूर रहे। इसको लेकर सर्किट हाउस में जिलाध्यक्ष और दूसरे गुट में जमकर विवाद हुआ। तब सीनियर नेताओं ने बीच बचाव कर मामले को शांत कराया।
मामला शांत होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष ने मीडिया से बात करते हुए संसद में दिए गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर कहा कि राम जपते-जपते अयोध्या वालों ने अमित शाह को सबक सिखा दिया। ये धोखा देने वाले लोग है। जनता संविधान के प्रति वहां उमड़ी और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को जिता दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री पर टिप्पणी की और कहा कि उनका मानसिक संतुलन खराब हो गया है। श्यामलाल पाल ने कहा कि संभल वाला मामला देख लीजिए। जिस घर में मंदिर था, घर का मालिक ये कह रहा है कि हम घर का ताला बंद करके गए थे। यहां न ताला टूटा है न कुछ हुआ है। भारतीय जनता पार्टी के लोग हिंदू-मुस्लिम कर रहे हैं। भाजपा में सब झूठे लोग हैं, पार्टी भारत की झूठ पार्टी है।
सांसद बर्क के बिजली मीटर पर सपा प्रदेश अध्यक्ष गोलमाल जबाव दिया। कहा कि भाजपा का 7 साल का कार्यकाल हो गया। इन्होंने बिजली का कितना प्रोडेक्शन किया। हमारी सरकार में अखिलेश यादव ने यूपी में 5 पावर प्लांट लगाए गए थे। आज उनकी ही बिजली यूपी में चल रही है। अब ये चाहे चोरी करवाएं, चाहे जो करवाएं। बिजली का बिल किस तरह से बढ़ा दिया। जो 2012 से 2017 तक बिजली बिल था, उसका तीन गुना बिजली बिल बढ़ा है।
एक देश एक चुनाव पर कहा कि समाजवादी पार्टी इस पक्ष में है कि इस देश में एक इलेक्शन नहीं. बल्कि एक देश में एक प्रकार की एजुकेशन हो जाए। जो एजुकेशन के माध्यम से हमारी असमानता है। गांव में रहने कुछ, शहर में रहने वाला कुछ, पूंजीवादी का बेटा कुछ, इस प्रकार से जो हमारी शिक्षा का एकीकरण नहीं है। जो दोहरी शिक्षा नीति है। इस दोहरी शिक्षा नीति को समाप्त कर दिया जाए। तो वास्तव में देश का विकास बाबा साहब डॉ. अंबेडकर के संविधान के अनुसार चल जाएगा।