भाजपा कार्यालय में आपातकाल के काले अध्याय की 50 वी वर्षगांठ पर लोकतंत्र सेनानी सम्मानित
झांसी। केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा ने देश में आपातकाल जबरन थोपा गया। देश पर चाइना या पाकिस्तान ने युद्ध नहीं छेड़ा था। 12 जून 1975 को हाईकोर्ट फैसला देता है कि इंदिरा गांधी का 1971 का चुनाव अवैध है और उन पर 6 वर्ष तक चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाती है तब इंदिरा गांधी को अपनी सत्ता जाने का डर सताने लगा और उन्होंने बिना किसी मंत्री परिषद की बैठक के न किसी से कोई चर्चा किए राष्ट्रपति से आपातकाल की घोषणा करवा दी और पूरे देश देश बना दिया।आपात काल में आरएसएस व जनसंघ पर प्रतिबंध लगाने से लेकर विरोधियों के नाखून खींचने, बिजली के झटके देने तक, न जाने कितने लोगों को यातनाएं देकर जेल में डाल दिया गया। प्रेस की आजादी पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया।
झांसी आए केंद्रीय मंत्री ने भाजपा कार्यालय में मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि आपातकाल लगने के बाद 21 महीने यानी 610 दिन पूरा देश आपातकाल से घिरा रहा। इस दौर में सभी विपक्षी दलों के लोगों को जेल में डालने के अलावा तरह तरह से यातनाएं भी दी गई। देश के 62 लाख युवाओं की जबरन नसबंदी कराई गई। इसीलिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है कि आज का युवा भी समझे कि किस तरह से कांग्रेस ने संविधान का गला घोंटने का काम किया है। प्रेस की आजादी पर भी प्रतिबंध लगाया और कई पत्रकारों को जेल भेजा। उन्होंने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर के द्वारा बनाए गए संविधान को भी 25 जून को हत्या करने का काम किया। इसलिए 25 जून 1971 को काला दिवस के रूप में मनाया जाता है।
लोकतंत्र सेनानी सम्मानित
केन्द्रीय मंत्री ने आपातकाल के काले अध्याय के 50 वर्ष पूर्ण होने पर इसे संविधान की हत्या दिवस के रूप में मनाते हुए भाजपा कार्यालय में आयोजित सेमिनार में केन्द्रीय मंत्री ने लोकतंत्र के रक्षकों के संघर्षों का स्मरण किया। उन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों को ओर सशक्त बनाने की अपील करते हुए 30 लोकतंत्र के सेनानियों को हार माला पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया।
आपातकाल पर चित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ
भाजपा कार्यालय में मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा ने आपातकाल पर लगाई चित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ किया।
उन्होंने कांग्रेसियों से सवाल किया कि देश के इतिहास में काले अध्याय के रूप में जुड़े आपातकाल को कैसे भूल सकती है जनता। उन्होंने कहा कि उस समय कांग्रेस के नेताओं ने संविधान की हत्या की थी वह सार्वजनिक रूप से माफी मांगे। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी व आरजेडी केवल सत्ता लोलुपता, राजनीतिक कारणों से कांग्रेस के सहयोग कर रही है। लालू प्रसाद ने भी जेल झेली है और वह जिंदा हैं, किंतु कुछ नहीं बोल रहे। मुलायम सिंह यादव की आत्मा आज रो रही होगी कि इमरजेंसी लगाने वाली कांग्रेस की गोद में समाजवादी पार्टी बैठ गई है।
केंद्रीय मंत्री से जब पूछा गया कि क्या आपातकाल के काले अध्याय को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा या फिर यूं ही हर वर्ष इसी तरह मनाया जाता रहेगा तो वह स्पष्ट कुछ नहीं कह कर इसका गोलमोल जवाब देते रहे। इस दौरान भाजपा की प्रदेश मंत्री अर्चना मिश्रा, सांसद अनुराग शर्मा, एमएलसी रमा निरंजन, एमएलसी डॉक्टर बाबूलाल तिवारी, एमएलसी रामतीरथ सिंहल, सदर विधायक रवि शर्मा, महानगर अध्यक्ष हेमंत परिहार, अर्चना मिश्र प्रदेश मंत्री भाजपा। मीडिया प्रभारी सौरभ मिश्रा, सहजेंद्र बघेल आदि मौजूद रहे।












