• पूर्व मान्यता प्राप्त के अलावा अन्य यूनियन व संगठन का भी होगा जोर
    झांसी। बहुप्रतीक्षित रेल यूनियनों की मान्यता के चुनावों की रेलवे बोर्ड ने घोषणा कर दी है। कर्मचारी यूनियनों की मान्यता के चुनाव वेलेट पेपर से कराने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। रेलवे बोर्ड से जारी दिशा-निर्देश के अनुसार मान्यता के चुनाव अगस्त में होंगे, किन्तु अभी चुनाव कार्यक्रम जारी नहीं किया गया है। इसके लिए एक समिति का गठन कर दिया गया है जो चुनाव के लिए नियम कायदे बनाएगी।
    जानकारी के मुताबिक देवाशीष मालिक डायरेक्टर रेलवे बोर्ड ने आज 31 मई को एक पत्र सभी रेल जोन और मेट्रो रेल के लिए जारी किया है। पत्र में उन्होंने ट्रेड यूनियन को मान्यता प्राप्त करने के लिए अगस्त 2019 में चुनाव कराने के आदेश दिए है। बोर्ड ने स्पष्ट किया है मान्यता चुनाव वेलेट पेपर से कराए जायंगे। इस चुनाव में वैसे तो अभी तक मान्यता के लिए 30 प्रतिशत का फार्मूला लागू था। सूत्र बताते है कि बोर्ड ने इस फार्मूले में परिवर्तन किया है जिसके तहत अब 15 प्रतिशत वोट पाने वाली यूनियनों को मान्यता देने का प्रावधान कायास है।
    गौरतलब है कि भारतीय रेल में लंबे समय से दो रेल यूनियनों का कब्जा है। एनएफ आईआर और एआईआरएफ दोनों यूनियन मान्यता प्राप्त हैं। इनका दबदबा होने से रेलकर्मियों की जायज मांग और समस्याओं का निदान होते आ रहा है। प्रत्येक 5 वर्ष में इन युनियनों के लिए मान्यता चुनाव कराने का प्रावधान बोर्ड ने किया है। इस वर्ष अगस्त 2019 में फिर मान्यता के लिए बोर्ड से दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके है। इस बार मान्यता चुनाव के लिए मान्यता प्राप्त यूनियनों के अलावा गैर मान्यता प्राप्त बीएमएस और अन्य संगठनों ने भी चुनाव लडऩे की जोरशोर से तैयारी है। इससे इस बार के चुनाव में घमासान होने की संभावना है।
    इस चुनाव में कतिपय रेल कर्मचारियों द्वारा आम चुनाव की तरह नोटा का प्रावधान करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि चुनाव में नोटा नहीं किया गया तो चुनाव प्रक्रिया को चुनौती दी जाएगी। उनका कहना है कि नोटा से मान्यता प्राप्त यूनियनों के नेताओं को अपनी हेसियत का पता चल जाएगा।