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शादी के पांच प्रपोजल रिजेक्ट कर चुकी अर्चना तिवारी ऐसे गई घर

भोपाल मप्र। मध्य प्रदेश में ट्रेन से गायब हुई अर्चना तिवारी आखिरकार 12 दिनों के बाद उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में नेपाल बॉर्डर के पास से मिल गई है। लखीमपुर खीरी में मिलने के बाद भोपाल की रानी कमलापति स्टेशन थाना जीआरपी की टीम अर्चना तिवारी को लेकर भोपाल पहुंच गई और परिजनों को सौंप दिया।

अर्चना तिवारी पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं हुआ है। अर्चना तिवारी के ताऊ उसे लेने आए थे। इस दौरान वह ताऊ का हाथ पकड़कर उनके बगल में खड़ी रही है। साथ ही सारे सवालों पर चुप्पी साधे रही है। अर्चना तिवारी 13 दिन बाद मिली थी। वह शादी से बचने के लिए भाग गई थी।

अर्चना तिवारी के लापता होने से लेकर नेपाल के बॉर्डर के पास से मिलने की कहानी बेहद दिलचस्प है। अर्चना तिवारी के गायब होने की कहानी की शुरुआती होती है, नर्मदा एक्सप्रेस से। अर्चना 7 अगस्त को नर्मदा एक्सप्रेस से कटनी के लिए रवाना हुई थी लेकिन इससे पहले की वह कटनी पहुंच पाती वह रास्ते से गायब हो गई।

जब अर्चना अपने गंतव्य तक नहीं पहुंची तो पीड़ित परिवार ने भोपाल के रानी कमलापति जीआरपी थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने अर्चना की तलाश शुरू की गई. पुलिस ने रानी कमलापति स्टेशन से लेकर इटारसी और कटनी तक के इलाकों में अर्चना की तलाश की। स्टेशन के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला गया लेकिन कहीं कोई सुराग नहीं मिला। अर्चना की आखिरी लोकेशन इटारसी आया था।

पुलिस के अनुसार अर्चना तिवारी की जब तलाश शुरू की गई तो पुलिस ने तमाम एंगल से इस मामले की जांच भी शुरू की. इस जांच के दौरान पता चला कि अर्चना से एक कांस्टेबल प्यार करता था. ऐसे में पुलिस को लगा कि हो सकता है कि अर्चना के गायब होने में उस कांस्टेबल का भी हाथ हो, लेकिन जब कांस्टेबल से पूछताछ की गई तो पता चला कि उसने अर्चना को टिकट कटा कर जरूर दिया था लेकिन उसका उससे लव अफेयर नहीं है। मामला दर्ज होने के बाद जीआरपी की टीम जांच में जुट गई। पुलिस ने स्टेशन के अंदर और बाहर के सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की। पुलिस टीम को 9 अगस्त को पता चला कि अर्चना तिवारी का नर्मदा एक्सप्रेस ट्रेन से सफर इंदौर से शुरू हुआ जो भोपाल होते हुए इटारसी पहुंची. इटारसी पर ही अर्चना की आखिरी लोकेशन था।

इसके बाद GRP की टीम 12 अगस्त को इटारसी पहुंची। इटारसी गांव और आसपास के होटल्स की जांच के बाद टीम को पता चल गया कि अर्चना में इटारसी में तो नहीं। इसके बाद 13 अगस्त को नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन और नर्मदा नदी के आसपास तलाशी ली गई। इसके बाद 15 अगस्त को भोपाल से कटनी के बीच खोजबीन हुई, लेकिन 7 दिन बाद भी वो नहीं मिली। 18 अगस्त को GRP की टीम ने रेलवे ट्रैक और जंगल की तलाशी ली। हालांकि इस बीच पुलिस के हाथ कई अहम सबूत लगे और अर्चना का कनेक्शन ग्वालियर से मिला. दरअसल, जांच-पड़ताल के दौरान पुलिस को पता चला कि ग्वालियर का एक कांस्टेबल अर्चना तिवारी का इंदौर-ग्वालियर यात्रा के लिए बस का टिकट बुक कराया है।

एक तरफ पुलिस की जांच चल रही थी, पुलिस की टीम भोपाल से लेकर इटारसी और कटनी स्टेशन और उसके आसपास के इलाकों में अपनी छानबीन करके थक चुकी थी. लेकिन अर्चना का कोई सुराग नहीं मिल पा रहा था. अर्चना की तलाश में पुलिस टी रेलवे ट्रैक से लेकर स्टेशन और रेलवे ट्रैक के आसपास बने जंगलों में भी उसे तलाश रही थी. लेकिन कहीं कुछ नहीं मिला वहीं, दूसरी तरफ इस बीच अर्चना ने अपनी मां को फोन किया और कहा कि मैं ठीक हूं। जब अर्चना की मां ने पुलिस को इस फोन कॉल के बारे में बताया तो पता चला कि अर्चना लखीमपुर खिरी से फोन कर रही है। इसके बाद पुलिस की विशेष टीम ने लखीमपुर खिरी जीआरपी से संपर्क साधा।

पुलिस की जांच में पता चला कि अर्चना का मोबाइल फोन का आखिरी लोकेशन इटारसी आ रहा था। इसके बाद से ही अर्चना का मोबाइल फोन बंद आ रहा था। मोबाइल फोन बंद होने की वजह से पुलिस को उसके बारे में कुछ और पता नहीं चल पा रहा था। आखिरकार जब अर्चना ने खुद मां को फोन किया तो पुलिस को उसके लोकेशन की जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस ने उसे नेपाल बॉर्डर के पास से बरामद कर लिया।

पांच प्रपोजल रिजेक्ट कर चुकी अर्चना तिवारी ऐसे गई घर
रेल पुलिस ने अर्चना तिवारी को उसके परिजनों को सौंप दिया है। ताऊ और उसके भाई उसे भोपाल से लेने आए थे। अर्चना तिवारी शादी तय होने के बाद से परेशान थी। वह शादी के पांच ऑफर को रिजेक्ट कर चुकी थी।

अर्चना तिवारी पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं हुआ है। अर्चना तिवारी के ताऊ उसे लेने आए थे। इस दौरान वह ताऊ का हाथ पकड़कर उनके बगल में खड़ी रही है। साथ ही सारे सवालों पर चुप्पी साधे रही है। अर्चना तिवारी 13 दिन बाद मिली थी। वह शादी से बचने के लिए भाग गई थी।

दरअसल, अर्चना तिवारी को 13 दिन बाद लखीमपुर खीरी स्थित नेपाल बॉर्डर से बरामद किया गया था। वह शादी से बचने के लिए अपने दोस्त की मदद से काठमांडू भाग गई थी। पुलिस के सामने अर्चना तिवारी ने स्वीकार किया है कि वह शादी नहीं करना चाहती थी। बुधवार को पुलिस की टीम उसे लेकर भोपाल पहुंची। इसके बाद मीडिया को घटना के बारे में जानकारी दी। फिर परिजनों को सौंप दिया गया। अर्चना तिवारी को लेकर परिजन कटनी पहुंच गए हैं।

शादी फिक्स होने से थी नाराज

बताया जा रहा है कि अर्चना तिवारी अभी शादी नहीं करना चाहती थी। उसके परिवार वालों ने एक पटवारी के साथ रिश्ता तय कर दिया था। साथ ही कहा था कि इंदौर से पैकअप करके अब घर चले आओ। वहीं, अर्चना तिवारी आगे करियर को संवारा चाहती थी। इसी के बाद उसने यह कदम उठाया है। बताया जा रहा है कि उसने पहले भी पांच शादी के प्रपोजल को रिजेक्ट कर चुकी है।

13 दिन तक पुलिस ने की तलाश

पुलिस ने बताया कि अर्चना इटारसी से शुजालपुर, इंदौर, हैदराबाद, जोधपुर, दिल्ली और फिर यूपी-नेपाल सीमा के रास्ते काठमांडू पहुंचीं। उनका बैग ट्रेन के B3 कोच में मिला था। इसके बाद उनके भाई ने 8 अगस्त को GRP कटनी में शिकायत दर्ज कराई। वहीं, पुलिस ने 500 से ज़्यादा CCTV फुटेज देखे। NDRF के जवानों ने बरखेड़ा से बुधनी तक के जंगल में तलाशी ली। गोताखोरों ने नर्मदा नदी के 32 किलोमीटर के हिस्से में खोज की। पुलिस को अर्चना के कॉल रिकॉर्ड से अहम जानकारी मिली।