झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय हास्टल जंग का अखाड़ा बने हुए हैं। लॉर्ड बुद्धा हॉस्टल की बिजली व पानी सप्लाई बंद कर कैंटीन में ताला डालने से भड़के छात्रों के आक्रोश पर बीयू प्रशासन ने गुरुवार को कार्रवाई कर छात्रों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया। जब इसका वीडियो वायरल होने पर सवाल खड़े हो गए तो बीयू प्रशासन बैक फुट पर आ गया और सफाई में लम्बी चौड़ी विज्ञप्ति जारी कर दोष छात्रों पर ही मढ़ दिया।
दरअसल बीयू परिसर में समता, लॉर्ड बुद्धा और ओबीसी छात्र हास्टल हैं। इनमें क्रमश: 100, 140 व 30 बेड है। प्रवेश के आवेदन शुरू होते समय बीयू प्रशासन ने हॉस्टल में रह रहे सीनियर छात्रों को बाहर कर केवल नवप्रवेशित छात्रों को ही हॉस्टल में रखा जाने का फैसला लिया गया। इसका सीनियर छात्रों ने कड़ा विरोध किया और तर्क दिया कि जिस समय प्रवेश लिया गया था, उस समय ऐसी कोई शर्त नहीं रखी गई थी। बीच में हॉस्टल खाली कराना नियम विरुद्ध है।
इसके बाद तय किया सीनियर छात्र समता हॉस्टल में रहेंगे और नवप्रवेशित लॉर्ड बुद्धा और ओबीसी हॉस्टल में रहेंगे। इस पर छात्र राजी हो गए तो बीयू प्रशासन ने सभी सीनियर छात्रों को समता हॉस्टल में शिफ्ट कर दिया, जिसमें बेड कम पड़ गए। यही नहीं, लॉर्ड बुद्धा हॉस्टल की बिजली व पानी सप्लाई बंद कर दी और कैंटीन में ताला डाल दिया। इससे छात्र भड़क गए और विरोध करने लगे। इसके बाद बीयू प्रशासन की रणनीति के तहत गुरुवार को पहले कुलपति प्रो. मुकेश पांडेय और कुलसचिव राजबहादुर छात्रों से वार्ता करने पहुंचे। छात्रों ने समस्या गिनाईं तो वह मौके से चले गए। इसके बाद प्रॉक्टोरियल बोर्ड के शिक्षकों ने सुरक्षा कर्मियों के साथ हॉस्टल में घुसकर छात्रों से अभद्रता की। सुरक्षा कर्मियों ने छात्रों को पीटा। प्रॉक्टोरियर बोर्ड के शिक्षकों के आदेश पर छात्रों को पकड़े तक नहीं पहनने दिए और केवल अंडरवियर में ही खींचकर बाहर ले गए।
इस घटनाक्रम के वीडियो सामने आया। एक वीडियो में दिख रहा है कि हिंदी विभाग के प्रोफेसर मुन्ना तिवारी जिनके ऊपर हॉस्टल के छात्रों को जिम्मा भी है वह कुछ शिक्षकों के साथ कैंटीन में गार्डों के साथ आ धमकते हैं और खाना खा रहे छात्रों पर चिल्लाते हुए बीच में खाना छोड़कर जाने के लिए मजबूर कर देते हैं। एक अन्य वीडियो में यूनिवर्सिटी के दो सिक्योरिटी गार्ड्स एक छात्र को कॉलर से पड़कर बुरी तरह ले जाते हुए दिख रहे हैं। छात्र को पूरे कपड़े पहनने का मौका भी नहीं दिया गया। अंडरवियर में ही उसको बाहर खदेड़ दिया।
बीयू प्रशासन के इस रवैया से छात्रों में आक्रोश भड़क उठा और बीयू की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए। बीयू की ओर से मीडिया को लम्बी चौड़ी विज्ञप्ति जारी कर सफाई देते हुए अपना पक्ष रखा है। इसके बाद भी छात्रों का ग़ुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। छात्रों से किए गये दुर्व्यवहार की आलोचना की जा रही है।