• सुधबुध खोए लोको पायलट को तलाश कर परिवार से मिलवाया
    झांसी। झांसी स्टेशन पर वह अपने पति की तलाश में दुखी थी तो अबोध ब’चे भी मां की हालत से सहमे से थे। यह सब देख कर चेकिंग स्टाफ ने संवेदनशीलता का परिचय दिया और सुधबुध खोकर परिवार से बिछुड़ कर भटक रहे उस महिला के पति व ब’चों के पिता को तलाश कर सौंपा तो उनके चेहरे पर मुस्कान लौट आयी।
    दरअसल, बांदा में लोको पायलट कमलेश बाबू बाजपेयी विगत दिवस अपनी पत्नी व दो अबोध ब’चों के साथ हरिद्वार से यात्रा कर झांसी स्टेशन पर उतरे। इस परिवार को झांसी से बांदा दूसरी ट्रेन से जाना था। प्लेटफार्म पर टीटी कार्यालय के निकट पूरा परिवार बैठा था। कमलेश पानी लेने निकले फिर लौट कर नहीं आए। इस पर उसकी पत्नी परेशान होकर रोने लगी क्योंकि वह अबोध ब’चों को छोड़ कर बिछुड़े पति को तलाशने जा भी नहीं सकती थी। ऐसे में चेकिंग स्टाफ ने संवेदनशीलता का परिचय दिया और महिला की मदद को आगे आया। चेकिंग स्टाफ ने ब’चों को बिस्कुट आदि की व्यवस्था की और फिर कमलेश बाबू की तलाश शुरू कर दी। इस कार्य में लोको पायलट ने भी सहयोग दिया।
    चेकिंग स्टाफ ने सीसी टीवी की मदद से कमलेश बाबू को तलाश लिया और उन्हें उसकी पत्नी व ब’चों के पास ले गए। कमलेश की हालत देख कर उसकी पत्नी हतप्रभ रह गयी। दरअसल, कमलेश बेसुध से भटक रहे थे, उन्हें पता ही नहीं था कि वह कहां जा रहे हैं। कमलेश इस हालत में किन परिस्थितियों के चलते पहुंचे यह रहस्मय रहा, किन्तु जहरखुरानी के शिकार होने की चर्चा रही। फिलहाल चेकिंग स्टाफ व लोको पायलट की मदद से कमलेश बाबू, उनकी पत्नी व ब’चों को चम्बल एक्सप्रेस में गार्ड के डिब्बे के बगल के कोच में बैठा दिया गया और उनके बारे में गार्ड को बता दिया गया ताकि परिवार सकुशल बांदा पहुंच जाए।