• प्रशासन झुका, बीमा कम्पनी से क्षति पूर्ति दिलाने का आश्वासन
    झांसी। बुन्देलखण्ड किसान मोर्चा के तत्वावधान में कलेक्ट्रेट में मोर्चा अध्यक्ष महेन्द्र शर्मा के नेतृत्व में जिले के हजारों किसानों ने अति वर्षा से नष्ट हुई उड़द, मूंग, तिल, मूंगफली एवं धान की फसलों के नष्ट होने का सर्वे कराकर नुकसान की भरपाई कराने की मांग की जिससे बर्बाद हुये किसान अपनी अगली फसल बोकर जीवन यापन कर सके।
    जिलाधिकारी कार्यालय में एकत्रित हजारो किसान, महिलाये अपनी बर्बाद फसल के बैलगाड़ी सहित मदद की गुहार लगा रहे थे। किसानों की संख्या बल एवं मांग के दबाव मे किसानों के धरना स्थल पर समस्या सुनने पहुंचे डीडी कृषि, उप जिलाधिकारी, एसीएम ने किसानों की समस्याओं को सुना। इस दौरान डीडी कृषि ने बताया कि फसल नुकसान का सर्वे कराया गया है जिसमें उड़द ८० प्रतिशत, मूंग ७५ प्रतिशत व तिलक ८५ प्रतिशत का नुकसान सर्वे में दर्शाया गया है। उक्त सर्वे से किसान संतुष्ट नहीं हुये उनका कहना था कि सर्वे के बाद वर्षा हुई है जिससे नुकसान उड़द, मूंग, तिल के साथ मूंगफली, धान भी बर्बाद हो चुकी है। धरने पर किसान नेता महेन्द्र शर्मा ने किसानों का पक्ष रखते हुये कहा कि जिले में उड़द, मंूग, तिल, मूंगफली की फसल अधिक बोयी जाती है जिसमें शत प्रतिशत नुकसान है। मूंगफली में भी ५० प्रतिशत से अधिक का नुकसान है, धान की फसल भी नष्ट हो चुकी हैं, किसान बर्बाद हो गया है, बीमा कम्पनियां हर बार किसानों के साथ धोखा करती हैं। किसानों ने कहा कि लेखपाल घर बैठे रिपोर्ट लगाते हैं। इस पर डीडी कृषि एवं उपजिलाधिकारी ने पुन: सर्वे कराने की बात कही लेकिन किसानों ने कहा कि हम इस पर तैयार नहीं यदि इस बात को आप लिखकर दें तभी हम धरने से हटेंगे।
    किसानों की मांग को मानते हुये डीडी कृषि ने लिख कर दिया कि बीमा के प्रतिनिधि के साथ सर्वे कराकर शासन को रिपोर्ट तुरंत प्रेषित की जायेगी और बीमा कम्पनी से क्षतिपूति दिलायी जायेगी। इस लिखित आश्वासन के उपरांत किसानों ने अपना धरना समाप्त कर दिया। इसके पूर्व क्षतिग्रस्त फसल एवं बैलगाड़ी के साथ पहुंचे किसानों को परिसर में प्रवेश से रोका गया। जिससे किसान आक्रोशित हो गये। धरने में किसान रहीस चन्द्र यादव, लालाराम, दयाराम गुप्ता, बनवारी यादव, अरविंद राजपूत, रामरतन विश्वकर्मा, राजपाल सिंह बुन्देला, मर्दन सिंह ठाकुर, बृषभान राजपूत, राजेश शर्मा, भारतीशरण नायक, सतीश राजपूत, सुरेन्द्र राजपूत, विद्याधर प्रधान, प्रदीप मिश्रा, प्रमोद राजपूत आदि रहे।