• मान्यता प्राप्त यूनियनों का कार्यकाल समाप्त फिर भी चंदा वसूली पर आक्रोश
    झांसी। नार्थ सेण्ट्रल रेलवेे कर्मचारी संघ (एनसीआरकेएस) के तत्वावधान में रेलवे वर्कशॉप के स्टेट बैंक के प्रांगण में द्वार सभा को संबोधित करते हुए केन्द्रीय महासचिव/मुख्य अतिथि ओपी पाठक ने बताया कि एनसीआरकेएस विरोधी रेल यूनियनों एनसीआरईएस व एनसीआरएमयु द्वारा किया जा रहा रेल कर्मचारियों के वेतन से अवैध वसूली बंद कराने के लिए जोरदार संघर्ष किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वास्तव में एनसीआरईएस का रजिस्ट्रेशन रद्द है और यह मान्यता लायक रेल यूनियन नहीं है परंतु रेल प्रशासन की सांठगांठ से यह मान्यता प्राप्त यूनियन की तरह काम करती आ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि मई 2019 में इन दोनों रेल यूनियनों एनसीआरईएस और एनसीआर एएमयू का कार्यकाल खत्म हो चुका है परंतु इसके बाद भी अगस्त व सितंबर में सदस्यता शुल्क की वसूली की गई है जो सरासर अन्याय है। दोनों ही विरोधी रेल युनियनें रेल कर्मचारियों के शोषण, आर्थिक नुकसान, उनके श्रमिक हितो पर हमला रेलप्रशासन व अफिसर के मिलीभगत से कर रही है परंतु हमारा अन्याय के विरुद्ध संघर्ष जारी रहेगा।
    इस अवसर पर संघ के वर्कशाप सचिव शैलेश कुमार ने रेल कोच फैक्ट्री बनाने में रेल कर्मचारियों के हितों की अवहेलना और पर्यावरण संबंधी मसले पर रेल प्रशासन को घेरा। उन्होंने बताया इसमें प्रधानमंत्री कार्यालय, रेल मंत्रालय को गुमराह कर बिना सर्वेक्षण किए ही निर्णय लिया गया है जिससे रेलवे राजस्व, पर्यावरण रेल कर्मचारियों एवं झांसी क्षेत्र के गरीब जनता को काफी नुकसान उठाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रोजेक्ट पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। नील रोबोट ने आरोप लगाया कि रेल कर्मचारियों के वेतन से बिना सहमति सदस्यता शुल्क /लेवी की वसूली की जा रही है, इस अन्याय के खिलाफ संघर्ष जारी है। उन्होंने रेल प्रशासन को मान्यता प्राप्त रेल यूनियनों नार्थ सेंट्रल रेलवे मजदूर यूनियन व नॉर्थ सेंट्रल रेलवे इम्पलाइज संघ का पिछलग्गू बनने पर चेताया
    सभा को अध्यक्ष दया निधि मिश्रा, प्रमोद केवट, कार्यवाहक अध्यक्ष आरपी सिंह सहित कई वक्ताओं ने सम्बोधित करते हुए रेल कर्मचारियों की अलग-अलग समस्याएं उठायीं व कर्मचारी विरोधी नीतियों की आलोचना की। संचालन करते हुए अंत में कामेंद्र तिवारी मंडल सचिव ने आभार व्यक्त किया।