• बालू का अत्यधिक खनन पर्यावरण के लिए हानिकारक : आनन्द
    झांसी। पत्थर से बनी एम सेण्ड रूपी बालू का निर्माण कार्यों मेें उपयोग बालू से अधिक गुणवत्तायुक्त व लाभदायक होता है। इसका प्रयोग देश के विविध प्रदेशों में निर्माण कार्यों में सफलता पूर्वक किया जा रहा है। पत्थर को तोड़ कर एम सेण्ड (बालू) बनाने के लिए कोयम्बटूर की कम्पनी प्रोपेल इण्डस्ट्रीज नयी तकनीकि के स्टोन क्रशर प्रोपेल केयर यूनिट को लेकर बुन्देलखण्ड में आयी है। छह सौ करोड़ के टर्न ओवर को एक वर्ष में लगभग दुगना करने वाली इस कम्पनी की यूनिटों की मांग देश ही नहीं विदेशों में बढ़ी है। इस कम्पनी के यूनिटें आल ओवर इण्डिया के अलावा केनिया, साउथ अफ्रीका, ओमान, मस्कट, भूटान आदि देशों में झण्डा गाड़ रही है।
    यहां होटल मार्वलस में आयोजित संगोष्ठी में स्टोन क्रशर संचालकों व इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को सम्बोधित करते हुए प्रोपेल इण्डस्ट्रीज प्रा लि की ओर से आनन्द पुन्ताम्बेकर ने प्रोपेल केयर यूनिट से होने वाली फायदों व प्राकृति के अनुरूप काम करने की खूबियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह पुरानी परम्परा के क्रशरों से कई गुना आधुनिक व अधिक उत्पादन प्रदान करने वाली यूनिट है। इसकी यूनिटों को विद्युत ही नहीं डीजल से भी संचालित किया जा सकता है। इसके साथ ही यूनिट को कहीं भी सुगमता से ले जाकर काम में लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि
    भारत सरकार की मंशा के अनुरूप एम सेण्ड का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है। जिसके उत्पादन के लिए प्रोपेल इण्डस्ट्रीज नयी तकनीकि के स्टोन क्रशर स्थापित करने के लिए सम्पूर्ण बुन्देलखण्ड में स्टोन क्रशर संचालकों से संवाद कर इस नए एम सेण्ड के उत्पादन के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि नदियों से बालू का खनन पर्यावरण के लिए हानिकारक है। इसको देखते हुए सरकार भी एम सेण्ड के उपयोग पर जोर दे रही है और आने वाला समय एम सेण्ड का है।
    इस दौरान उपस्थित मप्र व उप्र के बुन्देलखण्ड क्षेत्र के झांसी, दतिया, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, टीकमगढ़, छतरपुर, निबाड़ी, महोबा, जालौन, ललिपुर से आए हुए स्टोन क्रशर संचालकों व इससे जुड़े लोगों ने यूनिट के सम्बन्ध में जिज्ञासा प्रगट कीं। जिनका कम्पनी के प्रतिनिधियों ने समाधान कर बताया कि कम्पनी की कई यूनिटें मप्र के ग्वालियर से सहित अन्य क्षेत्रों में कार्यरत हैं और उद्यमी उनसे लाभ कमा रहे हैं। इस मौके पर जीवनधारा फाउण्डेशन के अध्यक्ष प्रदीप तिवारी ने प्रोपेल की यूनिटों को पर्यावरण के अनुरूप बताते हुए नए भारत के नव निर्माण में महत्वपूर्ण बताया एवं स्पष्ट किया कि किस तरह से पुरानी क्रशर मशीनों की अपेक्षा प्रोपेल की यूनिटें प्रदूषण मुक्त वातावरण रखने सहयोगी हैं। कम्पनी के आईबी हेड राहुल पाण्डे ने मशीन की उपयोगिता एवं गुणवत्ता के बारे में बताते हुए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर निर्मल सिंह, दीपक लोवंशी, मोहन कुमार आशुतोष सिंह, हरीश कुमार आदि उपस्थित रहे।