• प्रयागराज में रेल दावा अधिकरण की 20 वीं बेंच का शुभारंभ
    प्रयागराज (संवादसूत्र)। उत्तर मध्य रेलवे के पुराने महाप्रबंधक कार्यालय में रेल दावा अधिकरण की 20 वीं बेंच का शुभारंभ करते हुए मुख्य न्यायाधीश इलाहाबाद उच्च न्यायालय न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर ने कहा कि यदि व्यक्ति के पास दृष्टि, ज्ञान व ऊर्जा है तो सफलता निश्चित है। इस बेंच की स्थापना से पीडि़तों को न्याय उन्हें द्वार पर मिलेगा। इलाहाबाद की बार एसोसियेशन देश की सबसे प्रतिष्ठित बार है जिसका पूरा सहयोग मिलेगा जिससे गरीब पीडि़तों को जल्द न्याय मिलेगा। मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्ज्वलन, शिलापट्ट अनावरण व नए ट्रिब्यूनल कोर्ट रूम का फ ीता काट कर शुभारम्भ किया। उन्होंने मेम्बर ज्यूडिशियल रेल दावा अधिकरण इलाहाबाद बेंच के इंस्टालेशन की औपचारिक प्रक्रिया को भी सम्पन्न किया।
    इस अवसर पर जस्टिस केएस अहलूवालिया अध्यक्ष रेल दावा अधिकरण ने वेंच के खुलने के लिए उमरे महाप्रबन्धक के प्रयासों की सराहना करते हुए बताया कि उनके दिल में गरीबों के लिए बहुत दर्द है। उन्होंने नर सेवा नारायन सेवा बताते हुए कहा कि न्याय लोगों के द्वार पर मिलना चाहिए। रेलवे क्लेम के प्रकरण अधिकाशंत गरीबों के होते हैं अभी तक गरीब पीडि़तों को दूर जाना पड़ता था। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही आरसीटी के लिए एक नई बिल्डिंग का निर्माण किया जायेगा। अब पीडि़तों को शीघ्र न्याय मिलेगा और एक उम्मीद जगेगी की रेल यात्रा सबसे बढिय़ा यात्रा होती है।
    महाप्रबंधक उमरे राजीव चौधरी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि रेल दावा अधिकरण लखनऊ में लगभग 6300 केस लंबित हैं। इस बेंच की स्थापना के पश्चात प्रकरणों का निस्तारण जल्द संभव हो सकेगा। पीईडी कॉमर्शियल रेलवे बोर्ड मधुसूदन राव ने कहा कि इस बेंच की स्थापना के पश्चात अब लोगों को लखनऊ, गोरखपुर, गाजियाबाद, भोपाल नहीं जाना पड़ेगा और केसों का निपटारा जल्द हो सकेगा।
    प्रारम्भ में सदस्य (न्यायिक) रेल दावा अधिकरण इलाहाबाद संजीव अग्रवाल ने स्वागत किया। अंत में रेल दावा अधिकरण के रजिस्ट्रार केपी यादव ने आभार व्यक्त करते हुए सुपर सोनिक गति से एक माह में ही बेंच का शुभारम्भ होने के लिए महाप्रबन्धक चौधरी को श्रेय दिया। कार्यक्रम में मंडल रेल प्रबंधक इलाहाबाद अमिताभ, अपर मंडल रेल प्रबंधक एनामुल हक, मुख्यालय व मंडल के अधिकारी एवं कर्मचारीगण, प्रयागराज शहर के प्रमुख अधिवक्ता व गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
    एक माह में बेंच शुरू होने पर जीएम के प्रयासों को सराहा
    गौरतलब है कि प्रयागराज शहर धार्मिक, राजनैतिक व शैक्षिक दृष्टि से उत्तर प्रदेश ही नहीं अपितु भारत वर्ष का एक प्रमुख प्राचीन शहर है जिस कारण भारत वर्ष के प्रमुख कार्यालय सहित केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण, उत्तर प्रदेश का हाई कोर्ट, अन्य प्रमुख कार्यालय व उमरे का मुख्यालय एवं मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय प्रयागराज में ही स्थित है, लेकिन रेल दावा अधिकरण की बेंच नहीं होने से यहां के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं गरीब पीडि़तों को प्रकरणों के निस्तारण हेतु लखनऊ या गोरखपुर जाने आने में परेशानियों का सामना करना पड़ता था। महाप्रबंधक उमरे राजीव चौधरी ने पद भार ग्रहण करने के पश्चात से ही प्रकरणों के त्वरित निस्तारण हेतु प्रयागराज में रेल दावा अधिकरण की नई बेंच की स्थापना हेतु किए गए निरंतर प्रयास फलीभूत हुए और रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष जस्टिस केएस अहलूवालिया द्वारा प्रयागराज में रेल दावा अधिकरण की नई बेंच खोलने की अनुमति प्रदान की गई और रेल दुर्घटनाओं में आहत यात्रियों एवं उनके आश्रितों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए रेल मंत्रालय ने बढ़ा कदम उठाते हुए प्रयागराज में रेल दावा अधिकरण की नई बेंच खोलने का निर्णय लिया। इसकी औपचारिक घोषणा रेल मंत्री द्वारा 12 सितम्बर को मुम्बई में की गई एवं भारत सरकार के गजट में अधिसूचना गुरुवार देर शाम तक जारी कर दी गयी थी।
    अधिसूचना जारी होने के पश्चात ही महाप्रबंधक के मार्गदर्शन एवं मंडल रेल प्रबंधक इलाहाबाद के निर्देशन में त्वरित कार्यवाही करते हुए समस्त तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया और आज नई बेंच का शुभारंभ किया गया। 12 सितम्बर को जारी अधिसूचना से आज 13 अक्टूबर में मात्र एक माह में बेंच का शुभारंभ होना अपने आप में एक रिकार्ड है। ज्ञात हो कि पुराने महाप्रबंधक कार्यालय जिसमें डीएफसीसीआईएल का कार्यालय चल रहा था को मात्र एक माह में नए कार्यालय भवन में शिफ्ट करना और पुराने कार्यालय का जीर्णोद्धार कर इसमें रेल दावा अधिकरण की आवश्यकतानुसार नए कोर्ट रूम और कार्यालय आदि का निर्माण करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था जिसे महाप्रबंधक राजीव चौधरी के मार्गदर्शन तथा मंडल रेल प्रबंधक अमिताभ के नेतृत्व में इलाहाबाद मंडल के सभी विभागों के समन्वित प्रयासों से ही पूरा किया जा सका। इस बेंच का शुभारंभ प्रयागराज नगर के लिए एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
    उप्र के झांसी सहित 17 जिले होंगे लाभान्वित
    रेल दावा अधिकरण की इस नई बेंच में उत्तर प्रदेश के कुल 17 जिले झांसी, ललितपुर, जालौन, महोबा, बांदा, भदोही (संत रविदास नगर), चंदौली, चित्रकूट, फतेहपुर, जौनपुर, कन्नौज, कौशांबी, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज (इलाहाबाद), सोनभद्र (राबट्र्सगंज) एवं वाराणासी शामिल किए गए हैं। इसके अतिरिक्त उत्तर जोन का प्रशासनिक हेड वाइस चेयर मैन (टेक्नीकल) इलाहाबाद ही होगा तथा रेल दावा अधिकरण की इलाहाबाद, चंडीगढ़, दिल्ली, गोरखपुर एवं लखनऊ बेंच इसके अधीन होंगी। वर्तमान समय में रेल दावा अधिकरण लखनऊ की बेंच में लगभग 6300 प्रकरण लंबित हैं इस बेंच की स्थापना के पश्चात इन 17 जिलों से सम्बंधित लगभग 1900 प्रकरणों को इलाहाबाद बेंच में स्थानांतरित किया जायेगा। इनमें से 907 प्रकरणों को स्थानांतरित किया जा चुका है। लखनऊ बेंच में प्रकरणों की संख्या अधिक होने के कारण किसी दुर्घटना में यात्री की मृत्यु होने की स्थिति में उनके परिजनों को या गंभीर चोट से ग्रसित पीडि़त को अभी तक लगभग 4-6 वर्ष तक इन्तजार करना पड़ता है। इस बेंच की स्थापना के पश्चात अब प्रकरणों का निस्तारण त्वरित गति से संभव हो सकेगा और पीडि़तों को क्लेम कम समय में प्रदान किया जा सकेगा।