झांसी। सीपरी बाजार न्यू रायगंज प्रांगण में चल रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन को धूमधाम से श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। भागवत कथा में भगवान के जन्मोत्सव को लेकर मंच को फूलों की माला और गुब्बारों से विशेष रूप से सजावट की गई। इस विशेष दिन को लेकर श्रद्धालुओं की अच्छी भीड़ रही।
श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ कथा में कथावाचक श्री महंत मदनमोहन दास ने भगवान श्री कृष्ण की जन्मकथा सुनाते हुए कहा कि बाल गोपाल का जन्म देवकी और वासुदेव के आठवें संतान के रूप में होता है। देवकी व वासुदेव का अर्थ समझाते हुए कहा कि देवकी यानी जो देवताओं की होकर जीवन जीती है और वासुदेव का अर्थ है जिसमें देव तत्व का वास हो। ऐसे व्यक्ति अगर विपरीत परिस्थितियों की बेडिय़ों में भी क्यों न जकड़े हो भगवान को खोजने के लिए उन्हें कहीं जाना नहीं पड़ता है बल्कि भगवान स्वयं आकर उसकी सारी बेड़ी-हथकड़ी को काट कर उसे संसार सागर से मुक्त करा दिया करते हैं। भागवताचार्य ने कहा कि हर मनुष्य के जीवन में छह शत्रु अर्थात काम, क्रोध, मद, मोह, लोभ व अहंकार हैं। जब हमारे अंदर के ये छह शत्रु समाप्त हो जाते हैं तो सातवें संतान के रूप में शेष जी जो काल के प्रतीक हैं वो काल फिर मनुष्य के जीवन में आना भी चाहे तो भगवान अपने योग माया से उस काल का रास्ता बदल देते हैं। तब आठवें संतान के रूप में भगवान श्री कृष्ण का अवतार होता है। जिसके जीवन में भगवान श्री कृष्ण की भक्ति आ गई तो ऐसा समझना चाहिए कि जीवन सफल हो गया। श्री कृष्ण जन्मोत्सव के मौके पर प्रस्तुत भजनों पर श्रद्धालु झूमते रहे। इस अवसर पर बबीना विधायक राजीव पारीछा, जिलाधिकारी शिवसहाय अवस्थी, मुख्य परीक्षत डॉक्टर वंदना अवस्थी-रामकुमार शुक्ला, पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, महामंत्री विहिप अंचल अडज़ारिया ने श्री भागवत भगवान की पूजा व आरती की। कार्यक्रम में श्रीराम बिलगैंयां, पार्षद कन्हैया कपूर, अरविंद वशिष्ठ, सोनू श्रीवास्तव, अनिल सेंगर, गुण्डन परमार, शंभू सेन, मनीष पाठक आदि उपस्थित रहे।