• प्रतिदिन हो रही थी 52000 मेट्रिक टन धान खरीद, सोमवार से प्रभावित होगी पीडीएस सेवा
    लखनऊ (संवादसूत्र)। यूपी फूड एण्ड सिविल सप्लाइज इन्सपेक्टर्स/आफिसर्स एसोसिएशन के तत्वावधान में 14 दिसम्बर से शुरू कार्य बहिष्कार का असर पहले ही दिन से दिखाई देने लगा। अनदेखी से नाराज खाद्य रसद विभाग के विपणन अधिकारियों ने मुख्यालयों में आम सभा कर कार्य बहिष्कार आन्दोलन शुरू कर दिया। प्रदेश अध्यक्ष अरूण दत्त शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में खाद्य तथा रसद विभाग के अंतर्गत विपणन शाखा के 660 धान क्रय केंद्र स्थापित हैं। इन केंद्रों पर प्रतिदिन औसतन 52000 मेट्रिक टन धान की खरीद हो रही है। आज (14 दिसम्बर) को खाद्य विभाग द्वारा पूर्ण कार्य बहिष्कार किए जाने के कारण उपरोक्त औसतन खरीद पूर्णता बाधित हुई है। इसी प्रकार से प्रदेश भर में एनएफएसए योजना के अंतर्गत खाद्यान्न का उठान पूर्ण रूप से बाधित हुआ है। उन्होंने बताया कि कार्य बहिष्कार आन्दोलन अलीगढ़, प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, गोरखपुर, झॉसी, बरेली, मेरठ, मुरादाबाद, वाराणासी, सहारनपुर, फिरोजाबाद, शाहजहॉपुर सहित सभी सम्भागों में शतप्रतिशत सफल रहा।
    उन्होंने बताया कि प्रदेश भर के खाद्य रसद विभाग विपणन निरीक्षक अपनी मांगों की पूर्ति न होने से नाराज होकर आन्दोलन पर हैं। इस आन्दोलन में क्षेत्रीय विपणन अधिकारी, पूर्ति निरीक्षक शामिल रहेंगे। 14 दिसम्बर से कार्य बहिष्कार के कारण प्रदेश की पीडीए सेवा एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होने वाली धान खरीद प्रभावित हो रही है। यूपी फूड एण्ड सिविल सप्लाइज इन्सपेक्टर्स/आफिसर्स एसोसिएशन की 13 नवम्बर को प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में मांगों पर बनी आम सहमति की प्रतिपूर्ति न होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए आन्दोलन का निर्णय लिया गया। प्रदेश में 14 दिसम्बर से कार्य बहिष्कार आन्दोलन 17 दिसम्बर तक जारी रहेगा। ऐसे में जहॉ किसानों को धान बेचने में परेशानी होगी वही कोटेदार खाद्यान्न नही उठा पाएंगे और जनता को राशन की परेशानी होगी। आन्देालन के दूसरे चरण में 18 दिसम्बर को खाद्य आयुक्त कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
    प्रान्तीय अध्यक्ष अरूण दत्त शर्मा ने बताया कि संघ की बहुप्रतीक्षित मांगों पर खाद्य आयुक्त व प्रमुख सचिव स्तर पर कई चरणों में वार्ता और संघ के आन्दोलन प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में संघ के साथ हुई वार्ता का कार्यवृत्त 13 नवम्बर 2018 को जारी किया गया। इस कार्यवृत्त के मुताबिक मांगों की प्रतिपूर्ति के लिए तीन माह का समय दिया गया था लेकिन एक वर्ष से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद कोई आदेश जारी नही किया गया। इसके कारण संवर्ग के कर्मचारी और अधिकारी पर काफी रोष है। इसके उपरान्त 8 नवम्वर 2019 पुन: वार्ता की गई। इस वार्ता में खाद्य आयुक्त मांगों पर सहमति बनी। लेकिन कोई आदेश जारी न होने पर संघ ने उच्चाधिकारियों की उपेक्षा से नाराज होकर 27 नवम्बर 2019 को 14 पूर्व का नोटिस देकर कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया गया था।