• एक लेखपाल निलम्बित, चार को प्रतिकूल प्रविष्टी, तीन हर्वेस्टर जब्त
    झांसी। पुलिस लाइन सभागार में जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ ओपी सिंह द्वारा जनपद में पराली जलाने पर रोक व जागरुकता के बारे में संयुक्त रुप से मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पराली जलाने पर रोक जागरुकता के प्रयासों के चलते जनपद का वायु प्रदूषण दिल्ली/एनसीआर की तरह खतरनाक स्टेज पर नहीं पहुंच पाया है और अभी तक एक भी ऐसा मामला नहीं आया है जिसमें खराब वायु प्रदूषण के कारण कोई बीमार पड़ा हो। उन्होंने बताया कि इसके बावजूद प्रयास लगातार जारी हैं ताकि भविष्य में भी पराली जलाने पर पूरी तरह से अइंकुश लगाया जा सके।
    जिलाधिकारी ने बताया कि भारत सरकार एवं राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने 1 दिसम्बर को सुनवाई के उपरान्त फसल अवशेष जलाये जाने से हो रहे वायु प्रदूषण की रोकथाम हेतु जनपद झांसी में उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में तहसीलवार टास्क फोर्स का गठन किया गया। जिसमें क्षेत्राधिकारी पुलिस, उप सम्भागीय कृषि अधिकारी/भूमि संरक्षण अधकारी सदस्य नामित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि राजस्व व कृषि विभाग अवशेष/कृषि अपशिष्ट जलाने की घटनाओं के रोकथाम हेतु निरंतर बैठक कराने के निर्देश दिये गये हंै। जनप्रतिनिधियों, ग्राम प्रधानों, जागरुक किसानों की थानों में बैठकें भी की गयीं, उन्हें कम्बाईन बिथ रीपर वाइन्डर लगाने के उपाय के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी गयी। कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनायें/सुविधायें (कस्टम हायरिंग सेन्टर) के विषय में भी विस्तार से बताया गया। उन्होंने बताया कि विधायक गरौठा जवाहर सिंह राजपूत की उपस्थिति में ब्लॉक मोंठ, गरौठा एवं चिरगांव में पराली/कृषि अवशेष न जलाने सम्बन्धी जागरुकता गोष्ठी की गयी। इसके अतिरिक्त कृषि विभाग की तरफ से किसान गोष्ठियों में कृषकों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से बताया गया तथा समाचार पत्रों के माध्यम से लोगों से पराली/कृषि अवशेष न जलाने की अपील भी की गयी।
    इसके अलावा लापरवाही में तहसील सदर के लेखपाल आनन्द स्वरुप खरे को निलम्बित किया गया तथा तहसील मोंठ के चार लेखपाल हेमन्त कुशवाहा, अर्पित जैन, राघवेन्द्र एवं कृष्ण कुमार राना को प्रतिकूल प्रवृष्टि दी गयी। साथ ही उप कृषि निदेशक, उप जिलाधिकारी सदर व मोंठ, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी व तहसीलदार सदर को कठोर चेतावनी निर्गत की गयी। साथ ही 19 पुलिस कर्मियों के विरुद्व प्रारम्भिक जांच प्रचलित है। शासन के निर्देशों के क्रम में जन प्रतिनिधियों की सहभागिता से अधिक से अधिक कृषकों को जागरुक करके घटनाओं के न्यूनीकरण का प्रयास किया गया है। यही कारण है कि 10 दिसम्बर से पराली जलाये जाने की कोई घटना प्रकाश में नही आयी है। उन्होंने बताया कि झांसी का वायु प्रदूषण सामान्य है और अभी तक वायु प्रदूषण से किसी के बीमार पडऩे की खबर नहीं है।
    इस दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा ओपी सिंह ने बताया है कि सभी क्षेत्राधिकारी व थानाध्यक्षों द्वारा पेट्रोलिंग व बीट कर्मियों एवं गांव के चैकीदारों के माध्यम से पराली/कृषि अपशिष्ट जलाने की रोकथाम हेतु जन सामान्य को समझाया जा रहा है तथा मुनादी भी कराई गयी है। उन्होंने बताया कि जिले में पराली जलाने की 281 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इन मामले में 11.55 लाख रुपये अर्थदंड लगाया गया, जिसमें से साढ़े आठ लाख रुपए वसूल कर सरकारी कोष में जमा कराए जा चुके हैं। इतना ही नहीं 136 एफआईआर दर्ज कराई गईं। इनमें 195 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। बरामद 80 क्विंटल पराली निराश्रित गो आश्रय स्थल भेजी गई और तीन हार्वेस्टर जब्त किए गए। जागरुक किये जाने के बावजूद पराली जलाने की घटनाओं पर राजस्व विभाग द्वारा क्षतिपूर्ति के नोटिस निर्गत किये गये। इस मौके पर एसपी सिटी प्रकाश द्विवेदी सहित अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।