झांसी। शर्म नहीं, नफरत नहीं घिन्न आती है “कोरोना” के हिमायतियों पर, जो पुलिस, पैरा मेडिकल और मेडिकल स्टाफ पर हमला कर रहे हैं। यह देशद्रोही हैं, इन्हें हमारे अज़ीम मुल्क हिन्दुस्तान की अहमियत ही नहीं मालूम। कमबख़्तो डूब मरो शर्म से। हमें मामूल है कि जिनसे घिन्न आने लगे समाज, उन्हें बहिष्कृत कर समाज से ‘निकाला’ दे देता है। ऐसे मुजरिम कोई भी हों, उन पर सख़्त क़ानूनी कार्यवाही फौरन कर, उनको दुनिया से ‘निकाला’ दे दिया जाये। माफी बिल्कुल नहीं। ऐसी हमारी सलाह है ताकि देश और समाज की ‘कोरोना’ जैसी महामारी से और उसके संरक्षकों से हिफाज़त की जा सके। ख़ुदावंदे आलम हम में ऐसा हौसला अता करे – आमीन।
सैयद शहनशाह हैदर आब्दी
समाजवादी चिंतक – झांसी।