झांसी। भले ही उत्तर प्रदेश के पांच जिले कोरोना वायरस मुक्त हो चुके हैं और जनपद झांसी प्रशासन व पुलिस की चुस्त दुरुस्त व्यवस्था के चलते अभी तक इस महामारी के प्रकोप से दूर है, किंतु रेलवे वर्कशॉप प्रशासन की नासमझी के चलते जरा सी लापरवाही झांसी में गम्भीर समस्या खड़ी कर सकती है।
दरअसल, कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते देश में लाक डाउन किया गया है। इसी क्रम में लाक डाउन का दूसरा चरण 3 म ई तक बढ़ा दिया गया है। इसके चलते झांसी रेल वर्कशॉप को भी 3 मई तक के लिए बन्द कर दिया गया। लाक डाउन के चलते वर्कशॉप बंद होने से जो 500 से अधिक कर्मचारी बाहर के थे वह किसी न किसी तरह झांसी से अपने अपने गृहनगर प्रस्थान कर गये। सूत्रों के मुताबिक इन कर्मचारियों में सर्वाधिक राजस्थान, पटना, इलाहाबाद, सासाराम, लखनऊ, प्रतापगढ़, कानपुर आदि के हैं। यह जिले कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित हैं।
यहां तक तो ठीक था, किन्तु वर्कशॉप के डिप्टी सीसीओ के उस आदेश ने अफरातफरी मचा दी जिसमें चेतावनी दी गयी थी कि लाक डाउन के दौरान यदि वर्कशॉप का कोई भी कर्मचारी झांसी से बाहर पाया गया तो उसका लाक डाउन अवधि का वेतन रोका जा सकता है। इस आदेश के वायरल होते ही कयी कर्मचारी अपने गृहनगर से सैकड़ों किमी की दूरी किसी प्रकार से नाप कर झांसी आ कर छिप गए। कोरोना वायरस प्रभावित इलाकों से होकर सैकड़ों किमी दूर से झांसी आए इन कर्मचारियों ने अपना चेकअप भी नहीं कराया है। यह संदिग्ध हो सकते हैं।
उक्त आदेश के बाद आज शनिवार को डिप्टी सी सी ओ द्वारा दूसरा आदेश जारी कर दिया। इसमें रेलवे वर्कशॉप को 3 मई के स्थान पर 20 अप्रैल को खोलने के निर्देश हैं। अर्थात अब रेलवे वर्कशॉप में 20 अप्रैल से काम शुरू हो जाएगा। इस निर्देश के जारी होने से हालत संवेदनशील हो सकते हैं क्योंकि राजस्थान, लखनऊ, इलाहाबाद आदि कोरोना प्रभावित जोन से कर्मचारी आकर बिना किसी जांच के काम पर पहुंचेंगे और यदि इनमें कोई भी कर्मचारी कोरोना वायरस का शिकार हुआ तो फिर ऐसी चेन बनेगी कि थामे नहीं थमेगी। छोटी सी लापरवाही झांसी को संवेदनशील बना सकती है। अच्छा हो कि वर्कशॉप के मुख्य प्रवेश द्वार पर चिकित्सकों की टीम लगा कर ड्यूटी पर पहुंचने वाले स्टाफ की सघन चेकिंग की जाये। जांच में संतुष्ट होने पर ही स्टाफ को प्रवेश करने दिया जाए, कार्यस्थल पर सोशल डिसटेंशिंग का पालन करने के निर्देश दिए जायें और इसका सख्ती से पालन किया जाए।
इसके अलावा वर्कशॉप प्रशासन को वर्कशॉप के 20 अप्रैल से खोले जाने से संबंधित सर्कुलर की जानकारी जिलाधिकारी को देना चाहिए ताकि प्रशासन पहले से एहतियातन तैयारियां कर लें। रेलवे कर्मचारी संगठनों के नेताओं को भी इस संवेदनशीलता को समझ कर वर्कशॉप के अफसरों से मिल कर स्थति को बिगाड़ने से बचायें।