IREF करेगा देश व्यापी विरोध

झांसी। देश का कर्मचारी विपरीत परस्थितियों के बावजूद कोरोना संकट में 24 घंटे सातों दिन ड्यूटी कर पूरी इमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ मैदान में डटा हुआ है। आज जब समय की मांग थी कि उनको प्रोत्साहन दिया जाता तब केंद्र सरकार द्वारा जुलाई 2021 तक कर्मचारियों तथा पेंशनरों का महंगाई भत्ता रोकने का फैसला अति निंदनीय है और हम इसका विरोध करते हैं। इसके विरोध में IREF देश व्यापी विरोध करेगा,
उक्त बात इण्डियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नार्थ सेण्ट्रल रेलवे वर्कर्स यूनियन के महामंत्री का.मनोज पाण्डेय ने मीडिया को बयान जारी करते हुए कही।
का.मनोज ने कहा अजीब विरोधाभास है कि एक तरफ तो सरकार की तरफ से करोना संकट के आगे दीवार बनकर खड़े स्वास्थ कर्मचारियों को दुगने वेतन देने के बयान दिए जा रहे हैं दूसरी तरफ इस आपदा में हर तरह से अपना योगदान देने वाले कर्मचारियों के भत्तों में तानाशाही तरीके से कटौती के फरमान जारी किए जा रहे हैं।
कामरेड ने कहा कि देश और दुनिया में बहुत बड़ा संकट है कर्मचारी भी उसमें अपना योगदान दे रहे हैं भत्तों में कटौती भी सहन की जा सकती है परंतु ऐसा लग रहा है जैसे सरकार संकट का सारा बोझ कर्मचारियों व देश के मेहनतकश लोगों पर ही लादना चाह रही है। उन्होंने कहा एक तरफ हमारे देश के कैबिनेट मिनिस्ट्री यह ऐलान करती है कि प्रधानमंत्री से लेकर सभी सांसदों के भत्तों में 30 फ़ीसदी कटौती करने जा रही है परंतु दूसरी तरफ मीडिया में यह खबर आ रही है के सभी सांसदों के 1 अप्रैल 2020 से भत्तों में 55 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि यदि यह सत्य है तो यह देश के लोगों के साथ सरासर बेईमानी है।
कॉमरेड मनोज ने कहा कि कितना अच्छा होता देश के देश के एक फीसदी बड़े-बड़े पूंजीपतियों पर, जिनको सरकारें हर वर्ष लाखों करोड़ों रुपए की टैक्स छूट देती है व जिनके लाखों करोड़ रुपए के कर्ज को सरकार हर वर्ष को खूह-खाते डाल देती है। उन पर भी ऐसा ही फरमान जारी करती।
कर्मचारी नेता ने कहा के इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन एवं नार्थ सेण्ट्रल रेलवे वर्कर्स यूनियन सरकार से मांग करती है के कर्मचारियों व पेंशनरों के महंगाई भत्ते को रोकने के फैसले पर पुनर्विचार करते हुए कर्मचारियों को तथा पेंशनरों को राहत देने की ऐलान करे।