– नो स्मोकिंग डे (10 मार्च) पर धूम्रपान न करने का लिया संकल्प

झांसी। कई बार लोग खुद धूम्रपान नहीं करते हैं मगर धूम्रपान करने वाले दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवारजनों के बीच रहकर सेकंड हैंड स्मोकिंग यानि दूसरों के धूम्रपान के धुंए का अनजाने में सेवन करते हैं। ऐसे लोगों को भ्रम होता है कि उन्हें कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा नहीं हो सकता, क्योंकि वह धूम्रपान नहीं करते। जबकि सेकंड हैंड स्मोकिंग भी उतनी ही खतरनाक है जितनी कि सीधे धूम्रपान करना। यह जानकारी सीएमओ कार्यालय में नो स्मोकिंग डे पर बुधवार को आयोजित हस्ताक्षर अभियान के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ जी के निगम ने कहीं।
इस दिवस विशेष पर सीएमओ ने सभी को शपथ दिलाते हुये कहा कि सबको यह प्रण लेना है कि कम से कम कार्यालय प्रांगण में ‘धूम्रपान न करना है – न करने देना है’। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ एन के जैन, डॉ॰ महेंद्र कुमार, डीआईओ डॉ॰ रविशंकर, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डॉ॰ विजयश्री व अन्य स्टाफ मौजूद रहा। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला सलाहकार डॉ॰ प्रतीक गुबरेले ने सेकंड हैंड स्मोकिंग के ख़तरों से आगाह करते बताया कि इससे बच्चों में कैंसर, शुगर, सांस संबंधी कई बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि धूम्रपान से तात्पर्य सिर्फ सिगरेट पीने से नहीं है बल्कि इसके अंतर्गत बीड़ी, तम्बाकू युक्त पदार्थ, सिगार और पाइप भी शामिल हैं। तम्बाकू में लगभग 4000 केमिकल कंपाउंड होते हैं, जिनमें से लगभग 250 केमिकल्स आपकी जान ले सकते हैं।
विकास भवन सभागार में जिला विकास अधिकारी अग्रसेन सिंह यादव की अध्यक्षता में समस्त विकास भवन के अधिकारियों और कर्मचारियों ने नो स्मोकिंग डे पर धूम्रपान न करने की शपथ ली और लोगों को भी इसका पालन करने की सलाह दी। इस मौके पर इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉ॰ आर आर सिंह मौजूद रहे।

टोबेको एक्ट
जनपद के राघवेंद्र नर्सिंग इंस्टीट्यूट में हुए ‘धूम्रपान को न’ जागरूकता कार्यक्रम में आयोजक डॉ॰ प्रतीक गुबरेले ने तंबाकू से संबन्धित कानून कोटपा (सिगरेट एंड अदर्स टोबेको प्रॉडक्ट) एक्ट-2003 की विभिन्न धाराओं के बारे में सभी को अवगत कराया। उन्होने बताया कि अधिनियम की धारा-4 के अनुसार स्टेशन, बस स्टैण्ड, होटल, विद्यालय, कॉलेज या अन्य सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करना वर्जित है। धारा-5 के अन्तर्गत किसी भी तम्बाकू सामग्री के प्रोत्साहन से सम्बन्धित विज्ञापन न करने के बारे में कानून है। धारा-6 अ में 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों को धूम्रपान सम्बन्धी सामग्री बेचना व उनसे बिकवाना दोनों ही अधिनियम का उल्लंघन माना जायेगा। धारा-6 ब के अन्तर्गत विद्यालय के 100 गज की परिधि में कोई भी धूम्रपान की दुकान नहीं होनी चाहिये तथा विद्यालय के मुख्य द्वार पर अधिनियम के अनुसार तम्बाकू मुक्त विद्यालय का बोर्ड लगा होना चाहिये।