झांसी। गैंगस्टर एक्ट में दो भाईयों सहित तीन अभियुक्तों को विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट)/अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय सं०३, विकास नागर की अदालत में 04-04 वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया।
जानकारी देते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राहुल शर्मा ने बताया कि 02 जनवरी 2002 को थानाध्यक्ष दुर्गा प्रसाद सिंह ने थाना पूंछ में सूचना देते हुए बताया था कि वह पुलिस बल के साथ शांति व्यवस्था व वांछित अपराधियों की तलाश हेतु ग्राम जरहा कला पहुंचे तो ज्ञात हुआ कि ग्राम जरहा कला के जीतेन्द्र कुमार पुत्र रतन लाल व उसके साथ नरेन्द्र कुमार पुत्र रतन लाल व करन सिंह पुत्र विजयराम का एक सुसंगठित गिरोह है जो विभिन्न अपराध में लिप्त है ।जिनका जनता में भय एवं आतंक व्याप्त है भय के कारण इनके विरुद्ध कोई व्यक्ति रिपोर्ट लिखाने एवं साक्ष्य देने को तैयार नहीं होता है। सामान्य व्यक्ति का समाज में रहना दूभर हो गया है इनके समस्त क्रियाकलाप समाज विरोधी हैं। इनके विरूद्ध कई
मुकदमे न्यायालय में विचाराधीन हैं उपरोक्त मुकदमों में कोई भी गवाह इन लोगों के भय एवं आतंक के कारण गवाही देने को तैयार नहीं होते हैं ।गवाही न देने पर न्यायालय में विचाराधीन मुकदमों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। अभियुक्तों के विरुद्ध उ०प्र० गिरोहबंद एवं समाज
विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम की धारा २/३ (0(11) का अपराध पंजीकृत किया गया।
विवेचना संकलित साक्ष्य के आधार पर अभियुक्त जितेन्द्र कुमार, नरेन्द्र कुमार एवं करन सिंह के विरूद्ध आरोप पत्र अन्तर्गत धारा २/३ उ०प्र० गिरोह बंद एवं समाज विरोधी क्रिया कलाप निवारण अधिनियम के तहत न्यायालय में प्रेषित किया गया। न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर अभियुक्त जितेन्द्र सिंह, नरेन्द्र कुमार एवं करन सिंह को धारा-३ उ० प्र० गिरोहबन्द और समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, १९८६ के अपराध में 04-04 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 10-10 हजार रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड अदा न करने पर उन्हें 06-06 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।












