नई दिल्ली (निप्र)। हिन्दी प्रेमियों की महाराष्ट्र से चल कर हजारों किलोमीटर की यात्रा का दिल्ली जन्तर मन्तर पर सभा के बाद समापन हुआ। सभा में मुख्य वक्ता के रूप में झांसी से पहुंचे पूर्व केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने अपने ओजस्वी भाषण में हुॅकार भरी और सरकार से मांग की कि हिन्दी को राष्ट्र भाषा का दर्जा दिया जाय जैसा कि प्रधान सेवक ने वादा किया था कि हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया जायेगा। उन्होंने झांसी के रघुनाथ राव धुलेकर को भी वहां याद किया और बताया कि धुलेकर जी के द्वारा भी हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाये जाने की मांग की गयी थी। उन्होंने कहा कि सारे देश को एक सूत्र में बांधने के लिए आवश्यक है कि हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित किया जाय। अमित त्रिपाठी, निर्मल, राजीव दीपक आदि के नेतृत्व में हिन्दी प्रेमियों की यात्रा ने इस मांग को मज़बूती दी है। जन्तर मन्तर पर हज़ारों की संख्या में हिन्दी प्रेमियों ने एक आवाज में इस मांग को बुलन्द किया और कहा कि जब तक हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित नहीं किया जाता तब तक संघर्ष जारी रहेगा।