– किशोरी पिटारा को सराहा, सुरक्षा व स्वास्थ्य की व्यवस्था सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
झांसी। उप्र रा’य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. नीता साहू ने कोछाभांवर में स्थित आश्रम पदति विद्यालय में कमियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए व्यवस्थाओं को नकाफी बताया और उन्हें और बेहतर बनाने, वहां रहने वाले छात्र-छात्राओं की सुरक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। ग्राम दिगारा में किशोरी का पिटारा व्यवस्था की प्रशंसा की और इस पहल के लिए सीडीवीओ की प्रशंसा की। बाल श्रम के खिलाफ अभियान चला कर कार्यवाही करने को कहा।
यहां गांधी सभागार में मण्डलीय समीक्षा बैठक व पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए डॉ. नीता साहू सदस्य रा’य बाल अधिकार संरक्षण आयोग उप्र ने निरीक्षण से अवगत कराया। उन्होंने नए सत्र में परिषदीय विद्यालयों में शिक्षारत ब’चों के लिए यूनीफार्म व निशुल्क पुस्तकों का समय से वितरण करने के निर्देश दिए। सदस्य ने बैठक में कहा कि कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में शिक्षारत बालिकाओं को कौशल विकास से भी जोड़ा जाए ताकि उनके हुनर को आगे बढ़ाया जाए और उन्हें स्वालम्बी बनाते हुए उनका विकास किया जा सके। उन्होंने बरुआसागर स्थित कस्तूरबा विद्यालय व कोछाभांवर के आश्रम पदति विद्यालय की सुरक्षा व मेडिकल सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं यदि को अनहोनी होती हे तो कैसे निपटा जाएगा।
प्राथमिक विद्यालय दिगारा में सदस्य द्वारा किशोरियों की मन की बात हेतु किशोरी पिटरा की व्यवस्था की सीडीपीओ स्नेह गुप्ता की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह अनोखी पहल है व इसके माध्यम से किशोरी अपने मन की बात गोपनीय ढ़ंग से कह सकती हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयास को जिले के अन्य स्कूलों में भी किए जाएं। बैठक में परियोजना अधिकारी डूडा पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि बाल श्रम में पकडऩे वाले ब’चों के अभिभावकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए विभाग द्वारा दो लाख रुपए का बैंक ऋण दिया जाता है, अभिभावक योजना का लाभ उठाएं और रोजगार करें। इस मौके पर नगर मजिस्ट्रेट रामप्रसाद, डीवीओ नन्द लाल, डीपीओ पुष्पा वर्मा, जिला समाज कल्याण अधिकारी शिव कुमार, बीएमए हरवंश कुमार, ममता जैन, अभिषेक मिश्रा, कैलाश अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।
मजिस्टे्रट लिखने का अधिकार नहीं
सदस्य रा’य बाल अधिकार संरक्षण आयोग उप्र ने बताया कि बाल समिति के सदस्यों को मजिस्ट्रेट लिखने का अधिकार नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब समिति द्वारा पकड़े गए बालक-बालकाओं के प्रकरण की सुनवाई की जाती है तो उन्हें मजिस्ट्रियल अधिकार होते हैं, किन्तु सामान्य अवसर पर वह मजिस्ट्रेट नहीं लिख या परिचय दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि इस तरह की शिकायत मिलती है तो कार्यवाही की जाएगी। गुमनावारा में संचालित सम्प्रेक्षण गृह महिला के अनउपयोगी के सवाल पर उन्होंने बताया कि इसके बारे में शासन को लिखा जा चुका है। अभी सम्प्रेक्षण गृह के विद्युत बिल को जमा किया जा चुका है, किन्तु स्टाफ की दरकरार है। इस स्थिति के चलते महिलाओं को इस सम्प्रेक्षण गृह के स्थान पर कानपुर भेजा जाता है।
जिले में पांच गल्र्स हास्टल निर्मित
सदस्य ने बताया कि कक्षा नौ से बारह तक की छात्राओं को आवास उपलब्ध कराने के लिए जिले में मउरानीपुर, रानीपुर, बबीना, गुरसरांय, बरुआसागर में महिला हास्टल के भवनों का निर्माण किया जा चुका है। यह हास्टल शीघ्र ही संचालित होने लगेंगे। इससे कक्षा नौ से अध्ययन करने वाली छात्राओं को आवास की सुविधा मिल जाएगी।