– बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के तीन दिवसीय कार्यकर्त्ता शिविर का समापन

– अंतिम दिन कार्यकर्त्ताओं ने भेजे प्रधानमंत्री को खून से लिखे पत्र

– अन्य जिलों में भी लगाए जाएंगे कार्यकर्त्ता प्रशिक्षण शिविर : पांडेय

– बुंदेलखंड के लिए शांति के साथ क्रांति के लिए रहें तैयार : महंत मधुराम

झाँसी। बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकर्त्ता कार्यशाला के समापन के अंतिम दिन कार्यकर्त्ताओं और समर्थको ने खून से पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजे और बुंदेलखंड राज्य के निर्माण की मांग कर उनसे 2014 में लोकसभा चुनाव के समय किये गये वायदे की याद दिलाई।

समापन सत्र के मुख्य वक्ता बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष हरिमोहन विश्वकर्मा ने ऐसे कार्यकर्त्ता शिविरों की सख्त आवश्यकता बताई ताकि कार्यकर्त्ता जनता तक बुंदेलखंड राज्य के सन्देश को पहुंचा सकें। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड राज्य एक प्राकृतिक क्षेत्र है और 1956 में केन्द्र सरकार ने इसे मप्र और उप्र में बांटकर देश का सबसे पिछड़ा क्षेत्र बना दिया। अब मोदी सरकार इस गलती को सुधार कर विकास की मुख्यधारा से जोड़ सकती है।

उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड राज्य बन जाने पर देश के धनाढय राज्यों में शामिल होगा क्योंकि बुंदेलखंड क्षेत्र प्रचुर मात्रा में खनिज, जल, विद्युत और श्रम आदि से भरपूर है। बुंदेलखंड न केवल अपने पैरों पर खड़ा राज्य बनेगा बल्कि अन्य राज्यों को भी सहयोग देगा।

इससे पहले बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के अध्यक्ष प्रवीण पांडे ने अतिथियों का स्वागत किया और उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किये। मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद शिवशक्ति अखाड़ा प्रमुख महंत मधुरामशरण सिंह ने कहा कि बुंदेलखंड राज्य के लिए शांति और क्रांति दोनों रास्ते अपनाने होंगे, क्योंकि ज़ब तक बच्चा रोता नहीं है, मां भी दूध नहीं पिलाती। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड सम्पन्न क्षेत्र है और बुंदेलखंडवासी स्वाभिमानी है। आजादी की लड़ाई भी यहीं से आरम्भ हुईं और भगवान राम का वनवास भी यहीं बीता।

पूर्व एमएलसी श्यामसुन्दर ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को बुंदेलखंड राज्य बनवाने के लिए एकजुटता दिखानी होगी। बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के केंद्रीय महामंत्री यज्ञश गुप्ता, केंद्रीय संगठन मंत्री चंद्रभान राय, पूर्व मेयर प्रतिनिधि राजू बुकसेलर, ज्ञानेश्वर कुशवाहा, नीरज गुप्ता, अशोक सूर्यवंशी, रामकुमार मिश्रा झल्लन, हर्षित खन्ना, संजय अग्रवाल, अजित तिवारी, नीरज स्वामी, नीरज वाजपेई, प्रेमसागर दीक्षित, दीनानाथ शर्मा, मनोज शर्मा, अमित विश्वकर्मा आदि ने सम्बोधित किया। बुंदेलखंड समाज के अध्यक्ष और समिति के संरक्षक तारा पाटकर ने कार्यकर्ताओं से खून के पत्र लिखवाए और कहा कि यह प्रधानमंत्री तक अपनी बात पहुँचाने का सर्वोत्तम साधन है। अध्यक्ष प्रवीण पांडेय ने कहा कि तीन दिवसीय शिविर के माध्यम से बुंदेलखंड राज्य निर्माण के लिए प्रशिक्षित कार्यकर्ता तैयार करना है। शिविर अपने उद्देश्य में सफल रहा। उन्होंने कहा कि जल्द ही अन्य जिलों में भी ऐसे शिविर लगाए जाएंगे।

इन तीन दिनों में कार्यकर्ताओं को उप्र गोसेवा आयोग के अध्यक्ष कुंजबिहारी गुप्ता, शिक्षक – विधायक डॉ बाबूलाल तिवारी, पूर्व महानगर अध्यक्ष प्रदीप सरावगी सहित विभिन्न दिग्गजों का आशीर्वाद मिला। मुख्य अतिथि व अन्य अतिथियों ने समिति के कार्यकर्त्ताओं को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया। शिविर के आरम्भ में अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन कर आज के सत्र का शुभारम्भ किया। संचालक महानगर अध्यक्ष दीपक साहू व सतेंद्र शर्मा ने किया और आभार संरक्षक तारा पाटकर ने व्यक्त किया।