उत्तर प्रदेश में लाक डाउन के चलते परेशान मदिरा के शौकीनों की ख्वाहिश पर 3 मई तक लाक डाउन रहेगा। यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो राज्य में शराब, बिियर, भाांग की दुकानें 3 मई के बाद केन्द्र सरकार की ओर से लॉकडाउन के संबंध में दिशा-निर्देश मिलने पर ही खुल सकती हैं। प्रमुख सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी के अनुसार आज सोमवार (20 अप्रैल) से प्रदेश में डिस्टलरियां अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर के अलावा, शराब व बीयर आदि के उत्पादन का काम शुरू कर दिया गया है पर सैनिटाइजर के अलावा शराब, बीयर आदि की पैकिंग, मार्केटिंग व बिक्री पूरी तरह तब तक प्रतिबंधित है जब तक इस बारे में केन्द्र व राज्य सरकार से अगले नए निर्देश नहीं आ जाते। बताया गया है कि इस अवधि में इन डिस्टलरियों में बनने वाले अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर की पैकिंग, मार्केटिंग बिक्री ही अनुमन्य रहेगी। प्रदेश में शराब, बीयर के साथ ही भांग की लाइसेंसी दुकानें बंद रहेंगी। जिलों में आबकारी कार्यालयों ने आज से काम शुरू हो गया है। कार्यालयों में बीयर व भांग की दुकानों के लाइसेंस आवंटन तथा अन्य लम्बित सरकारी कामकाज भी सोमवार से निपटाना शुरू कर दिया गया है। सभी जिलों में डीएम-एसपी को किया सतर्क
प्रमुख सचिव द्वारा जारी शासनादेश में सभी डीएम एसएसपी को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। इसमें किाया गया है कि कि शराब, बीयर व भांग की दुकानें बंद रहने से अब प्रदेश में अल्कोहल युक्त दवाओं, टिंचर, वार्निश आदि का नशे के तौर पर इस्तेमाल बढ़ने की आशंका है। इसी तरह औद्योगिक कार्यों के लिए अल्कोहल, स्प्रिट आदि की ढुलाई करने वाले टैंकरों से अल्कोहल व स्प्रिट की चोरी करके उससे तथा स्थानीय स्तर पर कच्ची शराब बनाने के मामले बढ़ेंगे, जिससे बड़े पैमाने पर जनहानि हो सकती है। इसलिए सभी जिलों में डीएम पुलिस और आबकारी कर्मियों की संयुक्त टीमें बनाकर दवा की दुकानों की जांच करेंगे। पेंट, वार्निश, टिंचर आदि के विक्रेताओं की निगरानी करेंगे और साथ ही ढाबों पर रुकने वाले अल्कोहल व स्प्रिट लदे टैंकरों की भी पड़ताल की जाएगी। शासनादेश में कच्ची शराब बनाने व बेचने और अन्य राज्यों से चोरी छिपे लायी जाने वाली अवैध शराब की तस्करी की भी रोकथाम के लिए भी निर्देश दिये गये हैं।