आबकारी नीति में आंशिक संशोधन की मांग

झांसी। कोरोना वायरस महामारी से लॉकडाउन के चलते देशी विदेशी मदिरा व बीयर के थोक व फुटकर शराब कारोबारियों, बार व माडल शाप संचालकों को बिक्री के प्रभावित होने पर बढ़ रहे घाटे ने परेशान कर रखा है। उनमें नये सत्र में लाक डाउन के दौरान बंद रहे दिनों की शराब व बीयर की दुकानों, बार, माडल शाप की लाइसेंस फीस वापस करने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। आज देशी शराब के फुटकर अनुज्ञापियों ने बिक्री में कमी आने के चलते आबकारी नीति में बदलाव कर राहत देने के लिए आबकारी मंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी व जिला आबकारी अधिकारी को दिया। ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि बंदी के दिनों की लाइसेंस फीस वापस की जाए वह नये सत्र में लाक डाउन को देखते हुए नीति में आंशिक बदलाव की मांग भी की गई। ज्ञापन में बताया कि देशी शराब का उपयोग करने वाले अधिकांश गरीब व दैनिक मजदूर होते है। इनमें अधिकांश अपने गृह जनपद में पलायन कर चुके है। ऐसे में आज के समय में देशी शराब की फुटकर दुकानों की बिक्री अपने औसत बिक्री सिर्फ एक चौथाई ही रह गई है। इसी प्रकार से विदेशी शराब की बिक्री का हाल है। शत प्रतिशत बिक्री न होने पर शराब व्यवसायी पूरी निकासी का उठान नहीं कर पाएगा। ऐसे में कोटा समाप्त कर दिया जाए। साथ ही बिक्री के आधार पर ही शराब की दुकानों का संचालन किया जाए। देखना है कि अनुज्ञापियों की मांग पर सरकार कितनी राहत देती है।