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बीयू : कंप्यूटर साइंस विभागाध्यक्ष के कारनामे की जांच

झांसी। फर्जी अंक तालिका मामले में चर्चाओं में रहने वाले बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में इस बार ऐसा कारनामा हुआ कि तहलका मच गया। यूपी में अनामिका शुक्ला कांड के साथ बीयू में जीजा द्वारा साली को टााप कराने के मामले ने उच्च शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। दरअसल, बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस विभाग में तैनात डॉक्टर विक्रम निरंजन ने कंप्यूटर साइंस विभाग में पढ़ाई कर रही साली को कंप्यूटर साइंस की परीक्षा में टॉप करवा दिया। आरोप है कि जीजा विक्रम निरंजन ने खुद ही परिक्षा का पेपर बनाया और साली ने परीक्षा दी। जीजा ने साली की खुद कॉपी जांची और 100 में से 91 नम्बर देकर परीक्षा में टॉप करा दिया।

जब यह मामला कुलपति के सामने आया तो सनसनी मच गयी। विश्वविद्यालय की किरकिरी होते देख कुलपति ने आनन-फानन में पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए। इसके लिए समिति बनाकर पूरे मामले की जांच दो दिन में देने का आदेश दिया। बताया गया है कि समिति की जांच रिपोर्ट में मामला सही पाया गया। आरोपी जीजा विक्रम निरंजन को दोषी मानते हुए जांच समिति ने रिपोर्ट वीसी को सौंप दी। वीसी ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी विभागाध्यक्ष विक्रम निरंजन को विश्वद्याल परीक्षा से तीन साल के लिये डिबार घोषित कर दिया। बताया गया है कि इस पूरे प्रकरण की जांच अब जिला प्रशासनिक स्तर से भी शुरू हो गई है। इस मामले में कुलपति का कहना है कि शिकायत पर की गई जांच में आरोप सही साबित हुए। उत्तर पुस्तिका के पुनर्मूल्यांकन में भी यह बात साबित हुई। इस पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि अगर कोई रिश्तेदार स्टूडेंट है तो कोई भी प्रोफ़ेसर क्वेश्चन पेपर सेट नहीं कर सकता। इस नियम के बावजूद ऐसा किया गया। इस पर सम्बंधित प्रोफ़ेसर को तीन साल के लिए परीक्षा से डीबार कर दिया गया है।