झांसी। कोविड -19 की तैयारी के तहत , उत्तर मध्य रेलवे ने पहले ही रेलवे बोर्ड द्वारा जारी मानक स्कीम के साथ  आईसीएफ  डिजाइन के 130 जनरल और स्लीपर क्लास के डिब्बों को आइसोलेशन डिब्बों में बदल दिया है। झांसी कोच मिडलाइफ कार्यशाला द्वारा 50 , प्रयागराज डिवीजन द्वारा 40 और आगरा तथा  झांसी डिवीजनों प्रत्येक द्वारा 20 कोच का रूपांतरण किया है और यह 130 आइसोलेशन कोच 2080 कोविड  मरीजों के लिए पर्याप्त हैं ।

मानक संशोधन कार्य के तहत बाथिंग रूम के पास वाले पहले केबिन पर दो प्लास्टिक के पर्दे के साथ कोच के बाकी आठ केबिनों से अलग  किया गया है । आइसोलेशन कोच का  पहला केबिन स्टोर / पैरामेडिक्स के लिए रखा गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 06 मई 20 को हल्के कोविद रोगियों के उपचार के लिए आइसोलेशन कोच के उपयोग के लिए एक विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया जारी की गई थी। इन आइसोलेशन कोचों को कोविड  महामारी के खिलाफ लड़ाई में राज्य सरकारों के संसाधनों को बढ़ाने के लिए बनाया गया है। 215 स्टेशनों की एक सूची भी जारी की गई थी जिनपर पानी भरने  और चार्ज करने की सुविधा उपलब्ध है  लेकिन ऑन-व्हील सुविधा होने के कारण इसे अन्य स्टेशनों  पर भी ले जाया जा सकता है।

कोविड  -19 के खिलाफ तैयारियों को और आगे बढ़ाने के लिए, उत्तर मध्य रेलवे ने अतिरिक्त 150 डिब्बों को आइसोलेशन कोच में बदलने का फैसला किया है और इस कार्य के लिए कोच उपलब्ध कराने पर कार्य किया जा रहा है । कुल 150 कोचों में से 70 को CMLR वर्कशॉप झांसी, 50 को प्रयागराज डिवीजन, 20 को झांसी डिवीजन और 10 को आगरा डिवीजन द्वारा परिवर्तित किया जाएगा।